हाइलाइट्स
डॉक्टर के मुताबिक बच्चे तक गर्माहट पहुंचाना जरूरी है.
प्रीमेच्योर बेबी के लिए ‘कंगारू केयर’ बहुत जरूरी है.
World Prematurity Day 2022: आज वर्ल्ड प्रीमैच्योरिटी डे है. इस दिन का उद्देश्य समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करना है. आपको बता दें कि आम बच्चों के मुकाबले प्रीमेच्योर बेबी को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. अगर आप घर पर एक प्रीमेच्योर बेबी का स्वागत करने वाले हैं तो डॉक्टर के बताएं कुछ तरीकों को अपना कर अपने घर पर उनकी अच्छे से देखभाल कर सकते हैं.
गुरुग्राम के स्वास्तिक मैटरनिटी एंड मेडिकल सेंटर की गायनिकॉलजिस्ट डॉ सरोज कुमार के मुताबिक बच्चों का समय से पहले जन्म कई कारणों की वजह से हो सकता है. जिनमें से ये प्रमुख हैं-
- मैटरनल हिस्ट्री
- जेनाइटल इन्फेक्शन
- हाइपरटेंशन
- डिप्रेशन
- मधुमेह
- रीनल डिजीज
इसके अलावा प्रीमेच्योर बर्थ के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. अब जानेंगे कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल कैसे करनी चाहिए…
घर पर कैसे रखें प्रीमेच्योर बेबी का ख्याल?
बच्चे के रूम का तापमान कैसा हो?
डॉ सरोज कुमार के मुताबिक प्रीमेच्योर बेबी की देखभाल के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. डॉक्टर के मुताबिक बच्चे तक गर्माहट पहुंचाना जरूरी है. प्रीमेच्योर बच्चे को रोज़ नहीं नहलाना चाहिए. उसे एक वार्म रूम में ही रखें. रूम का तापमान ठंडा न हो.
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बच्चे को फीड कैसे कराएं?
बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में फीड कराएं. फीडिंग के दौरान इस बात का ध्यान रखें की बच्चे को बोतल से या किसी ऐसी चीज से फीड नहीं करवाना है, जिसकी वजह से बच्चे की ज्यादा कैलोरीज़ बर्न हों. इसके लिए आप मिल्क पंप का इस्तेमाल कर मदर मिल्क को कटोरी-चम्मच की मदद दे सकते हैं. इससे बच्चे की एनर्जी बर्बाद नहीं होगी. कुछ प्रीमेच्योर मामलों में ब्रेस्ट फीडिंग भी कराई जा सकती है.
बच्चे को कब पिलाएं दूध?
अमूमन डॉक्टर्स बच्चे को 1.5 से 2 घंटे में दूध पिलाने की सलाह देते हैं लेकिन अब जरूरत के हिसाब से भी फीड कराने की सलाह भी न्यू मदर्स को दी जाने लगी है. इस पर डॉ कुमार का कहना है कि बच्चा ढंग से फीड कर पा रहा है या नहीं इसके लिए यूरिनेशन ऑउटपुट चेक की जा सकती है. जिसकी मदद से फीडिंग पैटर्न पता किया जा सकता है.
बच्चे को घर लाने के कितने दिन बाद डॉक्टर के पास ले जाएं?
इस सवाल पर डॉ सरोज ने कहा, “डिस्चार्ज के बाद डॉक्टर्स सभी को इसके लिए अलग-अलग सलाह देते हैं. किसी को एक हफ्ते, किसी को 4 दिन. ये सबके लिए अलग हो सकता है.” उन्होंने इस बाद पर ध्यान देने के लिए कहा कि 1 महीने बाद तो डॉक्टर के पास बच्चे को जरूर लेकर जाना चाहिए. साथ ही आखों और कानों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए. इसके अलावा न्यूरोलॉजिस्ट के पास भी बच्चे को लेकर जाएं.
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बच्चों के पास जाने से पहले क्या करें?
बच्चे को कैरी करने से पहले या हाथ लगाने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं. सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. बच्चे के कपड़े और बेडशीट आदि समय-समय पर बदलें.
‘कंगारू केयर’ है बहुत जरूरी
प्रीमेच्योर बेबी के लिए ‘कंगारू केयर’ बहुत जरूरी है यानी बच्चे को मां अपने पास रखे. डॉक्टर सरोज के बताया, “कंगारू केयर के लिए मां बच्चे को अपनी ब्रेस्ट के पास रखे. इससे बच्चे को हाइपोथर्मिया की समस्या नहीं होगी. मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग मजबूत होगी. साथ ही फीडिंग भी अच्छे से हो पाएगी.
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Tags: Health, Lifestyle, Motherhood, Pregnancy
FIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 15:31 IST