Weak heart: अगर आपका हार्ट कमजोर है, तो शुरुआत में दे देते हैं ये संकेत, इन लक्षणों से पहचानें


हाइलाइट्स

हाइपरटेंशन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, वाल्वुलर हार्ट डिजीज, डायबिटीज, एनीमिया आदि के कारण हार्ट कमजोर होता है
कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण लोगों को रात के समय सांस लेने में तकलीफ हो सकती है

Prevention of weak heart: हार्ट पर जीवन की सांसें टिकी होती है. ऐसे में समझा जा सकता है कि कमजोर हार्ट होने के क्या दुष्परिणाम हो सकते है. कमजोर हार्ट कई बीमारियों की पूर्व निशानी है. कमजोर हार्ट खून को सही ढंग से पंप नहीं कर पाता है जिसके कारण पूरे शरीर में खून नहीं पहुंचता है. कमजोर हार्ट की एक बड़ी वजह हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन है. देश में अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी तक नहीं होती कि उन्हें बीपी है. बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट, ब्रेन, किडनी और अन्य तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों का बीपी बढ़ा हुआ है लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 46 प्रतिशत को पता भी नहीं है कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है. जब किसी अन्य समस्याओं का इलाज कराने जाते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि उनका बीपी बढ़ा हुआ है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक करीब 70 करोड़ लोग बीपी का इलाज भी नहीं कराते हैं. ऐसे में दिल का कमजोर होना स्वभाविक है. हालांकि अगर शुरुआत में ध्यान दिया जाए तो दिल कमजोर होने का पता पहले से ही लगाया जा सकता है.

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हार्ट कमजोर क्यों होता है
एचटी  की खबर के मुताबिक फॉर्टिस अस्पताल बेंगलुरु के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ गोपी ने बताया कि कमजोर हार्ट होने के दो कारण है. पहला कारण किसी बीमारी की वजह से है जिसके बारे में लोग जानते हैं, जैसे हाइपरटेंशन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, वाल्वुलर हार्ट डिजीज, डायबिटीज, एनीमिया आदि. इन स्थितियों में हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है. दूसरी स्थिति में हार्ट कमजोर होने के बारे में उपर से पता नहीं चलता है. इसमें हार्ट के मसल्स कमजोर होने लगते हैं. डॉ गोपी कहते हैं कि जल्दी थक जाना, जल्दी वजन बढ़ना, जो काम पहले आराम से कर सकते थे, अब उसे करने में दिक्कत होना, नियमित गतिविधियों के दौरान सांस फूलना जैसे लक्षण हार्ट कमजोर होने के शुरुआती लक्षण है. इस तरह की स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है.

हार्ट कमजोर होने के शुरुआती संकेत

  1. कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण लोगों को रात के समय सांस लेने में तकलीफ हो सकती है या चलने में कठिनाई हो सकती है.
  2. जब दिल कमजोर होता है, तो यह खून को उतना पंप नहीं कर पाता जितना शरीर को चाहिए होता है, जिससे चक्कर आते हैं.
  3. कुछ मामलों में दिल की धड़कन की गति में अनियमितताएं आने लगती है. अचानक हार्टबीट बढ़ जाती है जिसे आमतौर पर लोग सामान्य मान लेते हैं.
  4. अक्सर, कॉन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर की वजह टिशू में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो जाता है जो पेडल एडिमा का कारण बन सकता है. पेडल एडिमा एक ऐसी स्थिति जिसके परिणामस्वरूप टखने और पैर में सूजन हो जाती है.
  5. कमजोर हार्ट के कारण किडनी का फंक्शन कमजोर होने लगता है जिसके कारण यूरिन कम बनता है और अंततः बीमारी गंभीर होने पर डायलेसिस कराने की नौबत आ सकती है.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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