हाइलाइट्स
गाजियाबाद के इंदिरापुरम के रामप्रस्थ ग्रीन सोसाइटी में कुत्तों ने हमला किया.
हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे रेबीज का इंजेक्शन लगवाया गया.
गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कुत्ते ने बच्ची पर हमला कर दिया. गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रामप्रस्थ ग्रीम सोसाइटी के गेट पर 11 साल की बच्ची को काट लिया. सोसाइटी के मेन गेट से दूसरे गेट की तरफ निकलते हुए बच्ची पर स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया. पीड़ित बच्ची का नाम भव्या गुप्ता है. गेट के बाहर मौजूद कुत्ते बच्ची पर झपट पडे. हालांकि जैसे-तैसे बच्ची कुत्तों के हमले से बचते हुए गेट की तरफ भागते हुए अंदर चली गई. इस दौरान गेट पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ने कुत्तों को भगाकर बच्ची को बचाया.
वीडियो के मुताबिक वैशाली इलाके की रामप्रस्थ सोसाइटी निवासी विभोर गुप्ता की 11 वर्षीय बेटी भव्या गुप्ता सोसाइटी के बाहर चली गई थी. सोसाइटी गेट पर ही तीन स्ट्रीट डॉग उसके पीछे दौड़ पड़े. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिख रहा है कि वो तीन कुत्तों से बचकर भाग रही है. जब तक वो सोसाइटी के गेट के अंदर घुसी, तब तक एक कुत्ते ने उसके पैर में काट लिया. गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड बाहर निकलकर आए. तब जाकर कुत्ते वहां से भागे. भव्या को निजी हॉस्पिटल में रैबीज इंजेक्शन लगवाया गया है.
बता दें कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) को देशभर में पिछले सात वर्षों में कुत्तों के काटने की घटनाओं और इसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर आंकड़े पेश करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने एडब्ल्यूबीआई को ब्योरे का उल्लेख करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
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साथ ही यह संकेत देने को कहा कि क्या वह इस बात को पसंद करेगी कि अदालत की ओर से दिशानिर्देश जारी किए जाएं. शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका 2015 का आदेश अधिकारियों, पंजीकृत समितियों अथवा अन्य व्यक्तियों को उच्च न्यायालयों या क्षेत्राधिकार वाली अदालतों में जाने से प्रतिबंधित नहीं करता है.
पीठ ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि उक्त आदेश में इस अदालत की मंशा यह है कि उच्च न्यायालयों, दीवानी अदालतों और अधिकारियों के समक्ष लंबित सभी रिट याचिकाएं या कार्यवाही रुक जाए और आवारा कुत्तों से संबंधित मामलों में उच्च न्यायालयों की ओर से कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.’
शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि लोगों की सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों के बीच एक संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए और सुझाव दिया था कि जो लोग आवारा कुत्तों को खिलाते हैं, उन्हें टीकाकरण और इलाज का खर्च वहन करने के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है, यदि किसी पर संबंधित जानवर द्वारा हमला किया जाता है. न्यायालय खतरा बन चुके आवारा कुत्तों को मारने पर विभिन्न नगर निकायों द्वारा पारित आदेशों से संबंधित मुद्दों पर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, खासकर केरल और मुंबई में. (इनपुट भाषा से)
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Tags: Attack of stray dogs, Ghaziabad News
FIRST PUBLISHED : November 20, 2022, 18:24 IST