हाइलाइट्स
नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है.
इस खास दिन का इतिहास भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा हुआ है.
National Pollution Control Day 2022: पॉल्यूशन पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय है. एयर पॉल्यूशन, साउंड पॉल्यूशन, वॉटर पॉल्यूशन से हमारी जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इसका पूरा प्रभाव मनुष्य, नेचर और पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. इसका असर भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है. हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य प्रदूषण से छुटकारा पाने पर फोकस करने और लोगों को इसके बारे में अवेयर करना है ताकि हम अपनी मदर नेचर को इससे बचा सके. आइए नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में जान लेते हैं.
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नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे 2022 की थीम क्या है?
डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार व्यापक वायु प्रदूषण और घरेलू वायु प्रदूषण के मिले-जुले प्रभाव से हर साल 7 मिलियन प्रीमेच्योर डेथ्स होती हैं. इसी से आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य पर कितना गंभीर प्रभाव डालता है. हर साल की तरह इस साल भी इसकी थीम होगी पॉल्यूशन अवेयरनेस को सुधारना और प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारों को पॉलिसीज को एडजस्ट करने के लिए प्रेरित करना.
नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे का इतिहास
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे को हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है. इसका इतिहास 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा हुआ है. 1984 में भोपाल में एक इंसेक्टिसाइड प्लांट से लगभग 45 टन मिथाइल आइसोसाइनेट लीक हो गयी और आसपास फैल गयी. इसके कारण हजारों लोगों की उसी समय मौत हो गयी थी. कई लोगों को इसके कारण कई शारीरिक और मानसिक परेशानियां हुई. हजारों लोगों को उस समय भोपाल छोड़ना पड़ा था. इस दिन को उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्हों इस त्रासदी में अपनी जान गंवा दी थी.
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नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे का महत्व
इस समय पॉल्यूशन लेवल इतना हाई है कि पूरी दुनिया में दस में से नौ लोगों को सुरक्षित हवा नहीं मिल रही है. यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है और इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को उन चीजों के प्रति जागरूक करना है, जो विभिन्न तरह के पोल्युशन्स का कारण बनती हैं जैसे हवा, मिट्टी, नॉइस पॉल्यूशन आदि. इससे हमारा वातावरण और सेहत सभी प्रभावित होते हैं. इसके साथ ही हम भोपाल में हुई उस त्रासदी को भी नहीं भूल सकते जिसके कारण न जानें कितनी जानें गयी.
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FIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 09:44 IST