हाइलाइट्स
ब्रेन को प्रॉपर ऑक्सीजन न मिलने के कारण यह दौरा पड़ सकता है.
मिर्गी का दौरा पड़ते ही व्यक्ति बेहोशी की स्थिति में पहुंच जाता है.
Epilepsy Also Affects The Heart: मिर्गी यानी एपिलेप्सी का प्रभाव सिर्फ दिमाग पर ही नहीं बल्कि शरीर के कई अंगों पर पड़ता है. ये एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. नर्वस सिस्टम में होने वाली गड़बड़ी के चलते मिर्गी का प्रभाव चेहरे, हाथ, पैर और अंगुलियों में देखा जा सकता है. मिर्गी का दौरा पड़ने के दौरान व्यक्ति को चक्कर, झटके और बेहोशी की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. नर्वस सिस्टम में होने वाले प्रभाव के कारण हार्ट पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके कारण ट्यूमर और स्ट्रोक आने का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है. ‘नेशनल एपिलेप्सी डे’ के मौके पर आपको बताएंगे कि मिर्गी किस प्रकार ब्रेन के साथ हार्ट को प्रभावित करती है.
मिर्गी कैसे डालती है ब्रेन पर प्रभाव?
मिर्गी का रोग ब्रेन के विकास, वायरिंग और कैमिकल्स में परिवर्तन के कारण हो सकता है. हेल्थलाइन के अनुसार मिर्गी रोग यानी एपिलेप्सी किसी बीमारी या ब्रेन को किसी प्रकार के नुकसान के बाद हो सकता है. ये न्यूरॉन्स नामक ब्रेन सेल्स की एक्टिविटी को रोकता है जो आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक इम्पल्स के रूप में ब्रेन को मैसेज देते हैं. इन इम्पल्स में रुकावट आने पर दौरे पड़ने लगते हैं.
मिर्गी के प्रकार
मिर्गी के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं और इसकी वजह से विभिन्न प्रकार के दौरे पड़ते हैं. कुछ दौरे हानिरहित और ध्यान देने योग्य नहीं होते. वहीं कुछ दौरों में जान का खतरा होता है क्योंकि मिर्गी ब्रेन की एक्टिविटी को बाधित करती है. इसका प्रभाव शरीर के लगभग हर हिस्से को पड़ सकता है.
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कैसे करता है हार्ट को प्रभावित?
दौरे हार्ट की नॉर्मल रिदम को बाधित कर सकते हैं, जिस वजह से दिल कई बार धीरे, बहुत तेज या गलत तरीके से धड़क सकता है. इस समस्या को एरिथमिया कहा जाता है. एक अनियमित दिल की धड़कने बहुत गंभीर हो सकती हैं और संभावित रूप से जीवन को खतरे में डाल सकती हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ मामलों में मिर्गी की वजह से होने वाली मौत हार्ट रिदम में बाधा के कारण हो सकती है.
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बढ़ सकता है स्ट्रोक का खतरा
ब्रेन में ब्लड वैसल्स की समस्याओं के कारण मिर्गी ट्रिगर कर सकती है. ब्रेन को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन-रिच ब्लड की जरूरत होती है. प्रॉपर ब्लड न मिलने के कारण ब्रेन की ब्लड वैसल्स के डैमेज होने, स्ट्रोक, दौरे और हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है.मिर्गी के लक्षणों और इससे होने वाले नुकसान के विषय में लोगों को जानना बेहद जरूरी है. मिर्गी लाइलाज बीमारी नहीं है इसलिए इसका समय रहते इलाज कराया जा सकता है.
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Tags: Health, Heart Disease, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 06:01 IST