हाइलाइट्स
कांग्रेस पीएम मोदी पर सीधा प्रहार इसलिए नहीं कर रही क्योंकि उनकी सफलता गुजरात के गौरव से जुड़ी है.
भाजपा यह धारणा कायम करने में सफल रही कि पीएम मोदी केंद्र में गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
कांग्रेस को आशंका है कि अगर पीएम मोदी को निशाना बनाया जाएगा तो जनता इसे पसंद नहीं करेगी.
गांधीनगर. इस बार गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने प्रचार अभियान के दौरान जान बूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे प्रहार करने से बचती नजर आ रही है. नाडियाड से कांग्रेस प्रत्याशी ध्रुवल पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी को घर का लड़का बताते हुए कहा कि ‘भले ही हमारे घर का लड़का कितना भी बदमाश हो, लेकिन हम घर से बाहर जाते हैं तो उन्हें बदनाम नहीं करते हैं. हम हमारे परिवार के बच्चे का बचाव करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात के बेटे हैं.’
एक और नेता ने इसके बारे में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा प्रहार इसलिए भी नहीं किया गया क्योंकि उनकी सफलता गुजरात के गौरव से जुड़ी हुई है. ‘मोदी की सफलता और जीत को गुजरात की जीत के तौर पर देखा जाता है. भाजपा यह धारणा कायम करने में सफल रही है कि मोदी केंद्र में गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.’ जबकि वाव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गेनीबेन ठाकोर का कहना था कि ‘ विधानसभा और आम चुनाव में अंतर होता है. गुजरात का पीएम है, तो सभी लोगों को गौरव होना चाहिए. मैं भी गुजराती हूं. लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह के वक्त भी हमारी अर्थव्यवस्था बेहतर कर रही थी, जबकि दूसरे देशों की हालत खस्ता थी.’
पीएम मोदी को निशाना बनाने के कई खतरे
विपक्ष नेता इस बात को लेकर आशंकित भी है कि गुजरात से मोदी के अटूट संबंध के चलते अगर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री जो अब देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं, उनको निशाना बनाया जाएगा तो जनता इसे खास पसंद नहीं करेगी. उलटा इसका दुष्परिणाम भी सामने आ सकता है. एक और वरिष्ठ नेता का कहना है कि ‘ भाजपा ने लोगों में यह संदेश भी पहुंचाया है कि गुजरात को चाहिए कि वह पीएम मोदी को केंद्र में अगले कार्यकाल के लिए और मजबूत बनाए.’ मोदी को लेकर कांग्रेस में दरार भी देखने को मिली. खासकर जब जमालपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खेड़ावाला ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे. जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसुदन मिस्त्री ने प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया.
मोदी का सीएम कार्यकाल गुजरात का स्वर्णिम काल!
मोदी भले ही राज्य से दूर हों, लेकिन उनके कार्यकाल को आज भी गुजरात के स्वर्णिम काल के तौर पर देखा जाता है. राज्य के लोगों को लगता है कि उनके तीन कार्यकालों के दौरान गुजरात के इन्फ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय विकास हुआ और कानून-व्यवस्था भी अभूतपूर्व रही. मोदी के बाद भाजपा के उनके दूसरे उत्तराधिकारियों से भी वैसा ही करने की उम्मीद लगाई जाती रही है. यही वजह है कि पार्टी लगातार मुख्यमंत्रियों को बदलती रही है. क्योंकि किसी भी मुख्यमंत्री की तुलना मोदी से की जाती है. अगर वह बेहदर प्रदर्शन नहीं कर पाया तो सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए उन्हें हटा दिया गया. एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भाजपा की यह रणनीति अच्छा काम करती दिख रही है.
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हर बार बीजेपी पीएम मोदी के नाम पर मांगती है वोट
यही वजह है कि भगवा मोर्चा हर एक विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांगते नजर आता है. इस बार भाजपा गुजरात में लगातार सातवें कार्यकाल के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रही है. राज्य की स्थानीय इकाइयों ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का लक्ष्य बना रखा है. अधिकांश सीटों का ये हाल है कि वहां लोगों का यह कहना है कि वह उम्मीदवार का भले ही नाम तक नहीं जानते हों लेकिन वह मोदी और भाजपा को जानते हैं. गौरतलब है कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से पहले चरण के चुनाव में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. मतगणना 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही होगी, जहां 12 नवंबर को मतदान हुआ था.
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Tags: BJP, Congress, Gujarat Elections, Pm narendra modi
FIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 12:01 IST