Female Health: आंखों पर सैनेटरी पैड लगाने वाली ये लड़की कौन है? जानिए ऐसा क्यों किया?


रिपोर्ट – अभिषेक रंजन

मुजफ्फरपुर. वर्ष 2019 में कोरोना के आने के बाद हर किसी को अपने चेहरे पर मास्क लगाए तो आपने जरूर देखा होगा. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं  आंख पर सैनिटरी पैड लगाने वाली लड़की के बारे में.

यह लड़की मुजफ्फरपुर के गन्नीपुर मुहल्ले की रहने वाली जाह्नवी सिंह है. उम्र भले ही महज 16 साल है, पर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को लेकर सजग भी हैं और प्रेरक भी.

आपके शहर से (पटना)

जब बेटी पैदा होने पर गमगीन हो गया था माहौल

आमतौर पर पीरियड्स और लैंगिक समानता की बात करने में लोग हिचकते हैं. खासकर 16 साल की उम्र की ज्यादातर लड़कियां तो इस मामले में किसी को खुलकर बोल भी नहीं पाती हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर के गन्नीपुर मुहल्ले की रहने वाली जाह्नवी सिंह इसी उम्र में इन विषयों की एक्टिविस्ट हैं.

जाह्नवी बताती हैं कि एक बार वह अपने पिता के साथ अस्पताल में थी, उनके रिश्तेदार को बच्चा होने वाला था. प्रसव होने के बाद जाह्नवी मिठाई और पार्टी के लिए शोर करने लगी और खुशी से नाचने लगी. तभी उसने देखा कि वहां सब उदास हैं. बच्ची का जन्म होते ही माहौल गमगीन हो गया था. जाह्नवी ने यह बात अपने पापा से पूछी तो मालूम चला कि बेटी हुई है, इसलिए ऐसा माहौल है. इसके बाद से ही जाह्नवी इन विषयों के बारे में पढ़ने और जानकारी इकट्ठा करने लगी.

यूनाइटेड नेशन फाउंडेशन से तीन बार मिला पुरस्कार

जाह्नवी के पिता संतोष कुमार ने इन कामों में जाह्नवी की भरपूर मदद की. इससे जाह्नवी का मनोबल बढ़ता चला गया. फिर वह स्कूलों में जाकर लड़कियों को जागरूक करने लगी. देखते-देखते जाह्नवी अपने अभियान के बदौलत संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम तक पहुंच गईं. वहां 27 मई को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में जाह्नवी ने भारत का प्रतिनिधित्व भी किया. जाह्नवी को यूनाइटेड नेशन फाउंडेशन की ओर से तीन बार गर्ल अप मंच के लिए पुरस्कार मिला है.

बायोलॉजिकल प्रक्रिया है 
पीरियड

यूनाइटेड नेशन में परफॉर्म करने के बाद 29 मई को जाह्नवी का आंखों पर सैनिटरी पैड लगा हुआ फोटो वायरल हुआ. इस तस्वीर को यूनाइटेड नेशनने अपने पोर्टल पर भी जारी किया. इस प्लेटफॉर्म पर फोटो के अपलोड होने के बाद जाह्नवी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लोगों ने नोटिस किया.

जाह्नवी कहती हैं कि पीरियड एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है. लेकिन हमारे समाज की रूढ़िवादिता ने इसे बड़ा जटिल बना दिया है. जाह्नवी कहती हैं कि इन विषयों के बारे में बच्चों को पता होना चाहिए. मैं तो अपने उम्र की सभी लड़कियों से इस विषय पर खुलकर बात करती हूं, क्योंकि आज इन विषयों पर बात करने की जरूरत सबसे ज्यादा है.

Tags: Bihar News in hindi



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