Erectile Dysfunction In Men : आज की लाइफस्टाइल में स्ट्रेस होना सामान्य सी बात है. लोग छोटी छोटी बातों पर स्ट्रेस लेने लगे हैं. तनाव अगर थोड़ी देर के लिए हो तो ठीक है लेकिन अगर यह डेली रूटीन का हिस्सा बन गया है तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकार होता है. तनाव कई गंभीर बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है. एक रिसर्च में यह सामने आया है कि मानसिक तनाव से इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता पर भी गहरा असर पड़ता है.
ओनली माय हेल्थ की खबर के अनुसार करीब 52 प्रतिशत पुरुष अपने जीवनकाल में कभी न कभी इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित होते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो तनाव से ग्रसित लोगों में टेस्टोस्टेरान नामक हार्मोन में कमी आ जाती है और इससे पुरुष पिता बनने में नाकाम रहता है.
तनाव के दौरान एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन तेजी से होने लगता है और कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से यौन इच्छा वाले स्टेरॉयड का स्तर कम होने लगता है. आइए जानते हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ट्रिगर करने वाले कुछ जोखिम कारकों के बारे में…
मनोवैज्ञानिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन
चिंता- चिंता तनाव का सबसे बड़ा कारण है. अगर आप छोटी छोटी बात पर चिंता करने लगते हैं तो इससे तनाव को बढ़ावा मिलता है जिससे हृदय गति और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है. इसकी वजह से आप तेज सांस लेने लगते हैं. तनाव की वजह से नर्वस सिस्टम ठीक से काम नहीं कर पाता और इरेक्शन की शुरुआत हो जाती है.
दुर्व्यवहार: बचपन या फिर पहले हुए किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न की वजह से भी कई बार लोगों में चिंता व्याप्त हो जाती है और यह धीरे धीरे इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बनती है. लोग अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को बताने से डरते हैं और ऐसी स्थिति में ईडी की गिरफ्त में आ जाते हैं.
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वर्क लोड और वित्तीय तनाव: कई बार लोग बिना मन के नौकरी और काम करते रहते हैं. साथ ही वित्तीय संकट की समस्या भी उन्हें परेशान करती रहती है. इस प्रकार का तनाव भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बनता है.
डिप्रेशन: डिप्रेशन के दौरान न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन का रासायनिक असंतुलन होता है. कई अध्ययनों ने यह सामने आया है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अवसाद के बीच गहरा संबंध है. वसादग्रस्तता के लक्षण अलग होते हैं और उनमें आक्रामकता, चिड़चिड़ापन, हिंसक या जोखिम भरा व्यवहार शामिल होते हैं. ये सभी लक्षण यौन क्षमता और यौन इच्छा पर नेगेटिव प्रभाव डालते हैं.
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रिश्ते के मुद्दे – जब किसी रिश्ते में समय के साथ नाराजगी या निराशा पैदा होती है, तो ये भावनाएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन को प्रभावित कर सकती हैं.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन को बढ़ाने वाली बीमारियां
– दिल की बीमारी
– उच्च रक्तचाप
– उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर
– मोटापा
– अत्यधिक शराब का सेवन
– कम टेस्टोस्टेरोन
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2022, 15:00 IST