DigiYatra: एयरपोर्ट पर यात्रियों को पेपर वर्क के झंझट से मिलेगा छुटकारा, अब चेहरा ही होगा बोर्डिंग पास


Twitter @JM_Scindia

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि डिजिटल ढंग से चेहरे की पहचान कर हवाईअड्डे पर प्रवेश की सुविधा देने वाली ‘डिजियात्रा’ में यात्रियों से संबंधित आंकड़ों को विकेंद्रित ढंग से सुरक्षित रखा जाएगा।

एयरपोर्ट पर यात्रियों को जल्द ही पेपर के झंझट से छुटकारा मिलने वाले हैं। केंद्र की ओर से आज डिजियात्रा शुरू की गई है। फिलहाल यह सुविधा दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु हवाई अड्डे पर शुरू की गई है। जानकारी के मुताबिक के अब आप बोर्डिंग पास के बिना भी हवाई यात्रा कर सकेंगे। डिजियात्रा के जरिए आपका चेहरा ही आपके बोर्डिंग पास के रूप में काम करेगा। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि डिजिटल ढंग से चेहरे की पहचान कर हवाईअड्डे पर प्रवेश की सुविधा देने वाली ‘डिजियात्रा’ में यात्रियों से संबंधित आंकड़ों को विकेंद्रित ढंग से सुरक्षित रखा जाएगा।

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अगले साल से कुछ अन्य हवाई अड्डों पर भी शुरू किया जा सकता है जिसमें हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता शामिल है। फिलहाल यह सुविधा घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए है। दिल्ली हवाई अड्डे की बात करें तो यह टर्मिनल 3 पर उपलब्ध है। हालांकि, सिंधिया ने साफ तौर पर कहा है कि डिजियात्रा प्रणाली के आंकड़ों को कूटबद्ध रूप में विकेंद्रित तरीके से सुरक्षित रखा जाएगा। सिंधिया का यह बयान यात्रियों के आंकड़ों में सेंधमारी और  निजता से जुड़ी आशंकाओं के संदर्भ में था। उन्होंने कहा, पहले हमने एक केंद्रीकृत प्रणाली पर विचार किया जिसमें सारे आंकड़े हों लेकिन फिर निजता, डेटा चोरी के विषयों पर ध्यान गया। इसलिए हमने विकेंद्रित प्रणाली को चुना जिसमें यात्रियों का विवरण होगा जो कि प्रत्येक यात्री के मोबाइल फोन पर ही होगा।

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ऐसे उठा सकते हैं लाभ

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को ‘डिजियात्रा’ ऐप पर पंजीयन करवाना होगा और अपना विवरण देना होगा। इसमें आधार के जरिए सत्यापन होगा और यात्री को अपनी तस्वीर भी लेनी होगी। ‘डिजियात्रा’ एंड्रॉयड और आईओएस मंचों पर उपलब्ध है। हवाईअड्डे के ई-गेट पर यात्री को पहले बार-कोड वाला बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा और फिर वहां लगी ‘चेहरा पहचान’ प्रणाली यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को सत्यापित करेगी। इस प्रक्रिया के बाद यात्री ई-गेट के जरिये हवाईअड्डे के भीतर जा सकेगा। सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ने के लिए यात्री को सामान्य प्रक्रिया का ही पालन करना होगा। सिंधिया ने कहा कि दुबई, सिंगापुर, अटलांटा और जापान के नारिता समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर यह डिजिटल पहचान प्रणाली लगी है जिससे यात्रियों का समय बचता है।

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