Diabetes control: सर्दी में विटामिन डी की कमी को पूरा कर टाइप 2 डायबिटीज होगा कंट्रोल, जानें कैसे करें इसकी पूर्ति – vitamin d and glycaemic control in type 2 diabetes reduces blood sugar from these foods hindi – News18 हिंदी


हाइलाइट्स

विटामिन डी की कमी से मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रूमेटॉयड ऑर्थराइटिस और टाइप 1 डायबिटीज भी हो सकता है.
विटामिन डी जेशटेशनल डायबिटीज को होने से रोकने में बहुत मददगार है.

Vitamin d deficiency increase blood sugar: सर्दी में विटामिन डी की कमी स्वभाविक रूप से हो जाती है. क्योंकि विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूरज की रोशनी है जो सर्दी में कम मिल पाती है. विटामिन डी की कमी से शरीर में कैल्शियम की मात्रा घट जाती है. इसके अलावा नर्वस, मसल्स और नर्व पर असर पड़ता है. इससे रिकेटस, मसल्स वीक, बोन पेन, वीक बोन, ऑस्टियोमेलोसिस, हार्ट डिजीज जैसी समस्याओं का खतरा रहता है. अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि विटामिन डी की कमी से ब्लड शुगर को स्तर बढ़ जाता है जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह है. इतना ही नहीं विटामिन डी की कमी से ऑटोइम्यून डिजीज का जोखिम भी बहुत बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है. रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी की कमी से मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रूमेटॉयड ऑर्थराइटिस और टाइप 1 डायबिटीज भी हो सकता है.

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मेटाबोलिक सिंड्रोम के होने का जोखिम
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन जर्नल पबमेड सेंट्रल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विटामिन डी की कमी से टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम के होने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी का संबंध जेशटेशनल डायबिटीज के दौरान ग्लाइकोसाइलेटेड हिमोग्लोबिन से विपरीत रूप से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही यह भी पाया गयाा कि विटामिन डी जेशटेशनल डायबिटीज को होने से रोकने में बहुत मददगार है. इस अध्ययन का मकसद टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल और डी3 लेवल के बीच विटामिन डी 3 के संबंधों की पड़ताल करना था. इस तरह देखा गया कि टाइप 2 के मरीजों में जिनमें ब्लड शुगर बहुत कम था, उनमें विटामिन डी 3 की कमी थी.

इस तरह पूरा करें विटामिन डी की कमी
विटामिन डी को तीन तरह से प्राप्त किया जा सकता है. आपकी स्किन सूरज की रोशनी से खुद ही विटामिन डी प्राप्त कर लेती है. दूसरा तरीका है डाइट में विटामिन डी से समृद्ध चीजें हो और तीसरा है विटामिन डी का सप्लीमेंट लेकर. चूंकि सर्दी में धूप कम निकलती है और लोग धूप में जाने से कतराते हैं, इसलिए विभिन्न फूड के माध्यम से विटामिन डी लेना आवश्यक है. जिस मछली में तेल ज्यादा होता है, उस मछली में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी होता है. जैसे टूना, सेलमन, मैकरल आदि. इसके अलावा चीज और अंडे के यॉक में भी विटामिन डी पाया जाता है. अगर आप शाकाहारी हैं तो दूध, अनाज, ऑरेंज जूस, छाछ, सोया ड्रिंक से विटामिन डी की पूर्ति कर सकते हैं. मशरूम में सबसे अधिक विटामिन डी पाया जाता है. मशरूम का सेवन डायबिटीज के मरीजों में दवा से कम नहीं है. पोषक तत्वों से भरपूर इस सब्जी क ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. यानी यह ब्लड में शुगर को कंट्रोल करता है. सर्दी में मशरूम का सेवन करने से बॉडी में न सिर्फ विटामिन डी की पूर्ती होती है बल्कि विटामिन ए की कमी भी पूरी होती है. विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाता है.


विटामिन डी की कमी से अन्य बीमारियां
विटामिन डी की कमी हो जाए तो बोन फ्रेक्चर की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस हो जाती है. इसके अलावा अगर गंभीर रूप से विटामिन डी की कमी हो जाए तो रिकेटस, ऑस्टियोमेलेसिया, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, ऑटोइम्यून डिजीज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस भी हो सकता है.



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