हाइलाइट्स
जब ब्लड शुगर लेवल 300 या 400 mg/dl हो जाए तो बहुत ज्यादा प्यास लगती है.
ब्लड शुगर 300 से ज्यादा होने पर खून में एसिड यानी कीटोन का निर्माण बढ़ने लगता है.
If blood sugar croos 400mg/dl: पूरी दुनिया में डायबिटीज की बीमारी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने लगी है. टाइप 2 डायबिटीज के लिए आमतौर पर गतिहीन जीवनशैली और गलत खान-पान जिम्मेदार हैं लेकिन लोग हैं कि मानते नहीं. इसका नतीजा यह है कि आज दुनिया भर में 42.2 करोड़ लोग टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौत के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज जिम्मेदार है. डायबिटीज क्रोनिक बीमारी है जिसमें लोगों को इसके साथ जीना पड़ता है. भोजन के बाद खून में ब्लड शुगर का स्तर यदि 180 mg/dl तक हो तो इसे सामान्य माना जाता है लेकिन डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का लेवल कभी-कभी 300 या 400 के पार भी चला जाता है. यह एक खतरनाक स्थिति है और इसमें मरीज को तत्काल डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है.
कब हो जाता है लाइफ थ्रेटनिंग
मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजी एंड डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉ पारस अग्रवाल बताते हैं कि जब खून में शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ता है तब शरीर में कीटोएसिडोसिस (ketoacidosis) का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. यह डायबिटीज से संबंधित बेहद गंभीर जटिलताएं हैं जिसमें खून में एसिड यानी कीटोन का निर्माण बढ़ने लगता है. ऐसा इंसुलिन की कमी की वजह से होता है. अगर इस स्थिति में पीएच लेवल भी कम हो जाए तो यह लाइफ थ्रेटनिंग भी हो सकता है. इससे किडनी, हार्ट और आंखों पर गंभीर असर पड़ता है. अगर खून में एसिड ज्यादा बन गया है तो आंखों की नसों से खून भी निकल सकता है. हालांकि आंखों से खून बहुत कम ही मामलों में निकलता है. इसमें मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है.
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कैसे समझें कि ब्लड शुगर 300 को पार कर गया है How will I feel when my blood sugar is too high
डॉ पारस अग्रवाल कहते हैं कि आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों को पता चल जाता है कि उनका ब्लड शुगर बहुत बढ़ रहा है. वैसे जब ब्लड शुगर लेवल 300 या 400 mg/dl हो जाए तो बहुत ज्यादा प्यास लगती है. इसमें बार-बार पेशाब लगता है. इसके अलावा बहुत अधिक कमजोरी, बेचैनी, देखने में दिक्कत, कंफ्यूजन, पेट में दर्द, सांसों से फ्रूट जैसा स्मेल जैसी शिकायतें बढ़ने लगती है. इस स्थिति में अस्पताल में डॉक्टर मरीज को इंसुलिन थेरेपी देते हैं और शरीर में जमा हुए हानिकाकर फ्लूड और इलेक्ट्रोलाइट्स को बदल देते हैं.
कब हो जाता है घातक
डॉ पारस अग्रवाल ने बताया कि ब्लड शुगर 300 से उपर जाना अपने आप में घातक है. टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में यह स्थिति और ज्यादा घातक है क्योंकि उनमें पहले से ही इंसुलिन नहीं बनता. इस कारण खून में जितने भी ग्लूकोज है वह हानिकारक एसिड में बदलने लगता है जो ज्यादा घातक होता है. इससे हार्ट और नसों पर बुरा असर पड़ता है. अगर ब्लड शुगर 400 से उपर चला जाए तो रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है.
इसका इलाज क्या है How can I treat hyperglycemia
डॉ पारस अग्रवाल कहते हैं कि सबसे पहले तो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने ही न दें. इसके लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें. जैसे ही ब्लड 300 के पार हो, तुरंत डॉक्टर के पास आए. इस स्थिति में मरीज को भर्ती करना पड़ता है. इसमें 3 से 10 दिन तक का समय लग सकता है. करीब एक सप्ताह तक डॉक्टरों की निगरानी में मरीज को रहना पड़ता है. इसमें ड्रिप से इंसुलिन दिया जाता है. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना पड़ता है. अगर मरीज युवा है तो जल्दी रिकवर करेगा. बुजुर्ग मरीज को रिकवर होने में ज्यादा समय लग सकता है.
खुद से क्या करें
अगर ब्लड शुगर लेवल 300 से ज्यादा है तो बहुत अधिक मात्रा में पानी पीएं. पानी शुगर फ्री होना चाहिए. जितना अधिक पानी पीएंगे खून से शुगर की उतनी मात्रा बाहर आएगी. यह पता लगाएं कि शुगर बढ़ी क्यों है. अगर खाने-पीने की वजह से बढ़ी है तो तुरंत किसी भी तरह की मीठी, तली, भूनी चीजों को छोड़ दें. 300 से ज्यादा ब्लड शुगर होने पर किसी भी प्रकार की मीठी चीजें न खाएं. अगर दवाई लेनी भूल गए तो दवाई लें. अगर कोई इंफेक्शन है या बहुत अधिक तनाव है तो उसे दूर करें.
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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 06:30 IST