Covid-19: खाने के कुछ सामानों पर कई दिनों तक रह सकता है कोविड वायरस, बचाव के लिए रखें ये जरूरी सावधानियां …


हाइलाइट्स

कोविड-19 का वायरस खाने के तैयार सामानों पर कई दिनों तक बना रह सकता है.
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों के एक रिसर्च से ये जानकारी सामने आई है.
इस स्टडी के लिए सामानों पर किसी के छींकने या खांसने से निकलने के बराबर वायरस को छिड़का गया.

नई दिल्ली. कोविड-19 का वायरस खाने के लिए तैयार सामानों पर कई दिनों तक बना रह सकता है. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों के एक रिसर्च से ये जानकारी सामने आई है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने खाने के कुछ सामानों जैसे- फल, पेस्ट्री और ड्रिंक्स पर वायरस का छिड़काव किया. इसके लिए उन्होंने ऐसी चीजों को चुना, जिसे लोग बगैर धोए और पकाए सीधे खा सकते थे. रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस स्टडी को विशेष तौर पर कोविड-19 वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए किया गया था.

बीबीसी की एक खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्प्टन की रिसर्च टीम ने पाया कि ज्यादातर खाने के सामानों पर 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस के स्तर में उल्लेखनीय कमी नजर आती है, जबकि कुछ मामलों में ये हफ्तों तक कायम रह सकते हैं. रिसर्च में कहा गया है कि Sars-Cov-2 जैसे अत्यधिक संक्रामक वायरस जो संक्रामक सतह को छूने और चेहरे के जरिए लोगों को संक्रमित कर सकते हैं, उनके लिए यह शोध काफी कारगर साबित हो सकता है. जनता को यह जानने में दिलचस्पी हो सकती है कि खाद्य और पैकेजिंग सामग्रियों की सतह पर यह वायरस विशेष परिस्थितियों में कितने दिनों तक रह सकता है.

ज्यादा सावधानी की जरूरत नहीं
वैज्ञानिक इसके साथ ये भी बताते हैं कि इसके लिए दुकानदारों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की कोई जरूरत नहीं है. बस जब भी खाने का सामान लिया जाए तो उसे इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धोकर, हाथों को भी अच्छे से धो कर साफ कर लिया जाना चाहिए. इस तरह से सामान की सतह पर मौजूद संक्रमण साफ हो जाता है. इस स्टडी के लिए ऐसे खाने-पीने के सामान का चुनाव किया गया जो आमतौर खुली बिकती हैं जैसे- सेब, मिर्च, पनीर, हेम, ओलिव, क्रस्टी ब्रेड और बोतल बंद पेय पदार्थ. इन सामानों पर उतनी ही मात्रा में वायरस का छिड़काव किया गया, जितना किसी के छींकने या खांसने से निकल सकते हैं. इस जोखिम का आकलन करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले एंथनी विल्सन ने कहा कि महामारी के शुरुआती दौर में ये नहीं पता था कि वायरस खाने-पीने के विभिन्न सामानों की सतह पर कितने दिन जिंदा रह सकता है. इसलिए जोखिम का आकलन सबसे खराब स्थिति को ध्यान में रखकर किया गया. इस शोध से हमें कोरोनावायरस के मामले में यह अतिरिक्त जानकारी हासिल हो सकी है कि वह किसी भी खाद्य सामग्री या पैकेजिंग उत्पाद पर कितने दिन तक रह सकता है.

सेब पर ज्यादा नहीं टिका वायरस
इस परीक्षण के लिए वैज्ञानिको ने तापमान और नमी के विभिन्न स्तरों प्रयोग किए. आमतौर पर खाद्य पदार्थों का संग्रहण जिस हालात में होता है, उसमें वायरस के निष्क्रिय होने के समय को देखा गया. ताजा फल व सब्जियों में पाया गया कि वायरस उन उत्पादों में ज्यादा वक्त तक रहता है, जिनकी सतह एक समान नहीं होती है, जैसे- ब्रोकली और रसबेरी. जबकि सेब जैसी चिकनी सतह वाले फलों पर यह कम दिन तक रहा. हालांकि इसमें शिमला मिर्च जैसी चिकनी सतह अपवाद रही, क्योंकि इसमें कुछ दिनों तक वायरस पाया गया. सेब के बारे में वैज्ञानिकों का कहना था कि इसकी सतह पर एक प्राकृतिक रसायन पाया जाता है, जो वायरस की ऊपरी सतह को तोड़ देता है. इसलिए इस पर वायरस कुछ मिनट या घंटों तक ही रह पाता है.

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चीज़ और मीट पर एक हफ्ते तक रहा वायरस
बेकरी के सामानों के मामले में वैज्ञानिकों का कहना था कि चूंकि इसे बनाने के दौरान इस पर अंडे के घोल का इस्तेमाल होता है, इसलिए पेस्ट्री पर कोरोना वायरस का असर कुछ घंटों के बाद कम हो जाता है. अंडे में एराकिडोनिक एसिड पाया जाता है जिसमें एंटीवायरल असर होता है. चीज़ और ठंडे मीट, जिनमें प्रोटीन और चर्बी की ज्यादा मात्रा पाई जाती है, इसमें वायरस कुछ दिनों तक संभवत एक हफ्ते तक रह सकता है. जबकि कोविड-19 वायरस प्लास्टिक की सतह पर एक हफ्ते तक जीवित रह सकता है. वहीं एल्युमीनियम कैन पर यह कुछ घंटों का ही मेहमान होता है.

Tags: Corona Food and Recipe, Coronavirus, Covid19, Covid19 Pandemic



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