हाइलाइट्स
गलत और गलत समय पर खाने की आदत के कारण कॉन्स्टिपेशन की समस्या होती है
सर्दियों में हेल्दी वयस्क को कम से कम तीन लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए.
Constipation problems in winter: कॉन्स्टिपेशन बहुत ही असहज स्थिति है. कॉन्स्टिपेशन या कब्ज होने पर इंसान का मूड हमेशा खराब रहता है. कब्ज के कारण कहीं बाहर जाना भी मुश्किल हो जाता है. सर्दियों में अक्सर कब्ज या कॉन्स्टिपेशन की समस्या बढ़ जाता है. सर्दियों में कॉन्स्टिपेशन की समस्या बढ़ने के पीछे की मुख्य वजह मेटाबोलिज्म का धीमा होना है. मेटाबोलिज्म धीमा होने से पेट की गतिविधियां भी धीमी होने लगती है. अगर यह स्थिति ज्यादा दिनों तक बकरार रहे तो यह क्रोनिक स्थिति बन जाती है. यानी हमेशा के लिए कब्ज की शिकायत रहने लगती है. तो क्या सच में सर्दियों में मेटाबोलिज्म के स्थिर होने के कारण कुछ लोगों को कॉन्स्टिपेशन की समस्या क्रोनिक बन जाती है.
इसे भी पढ़ें- Diabetes Cure: शुगर के मरीज नाश्ते के दौरान कभी न करें ये गलतियां, वरना हाई हो जाएगा डायबिटीज
गलत खान-पान मुख्य वजह
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट डॉ एस टी गोपाल कहते हैं कि गलत और गलत समय पर खाने की आदत के कारण कॉन्स्टिपेशन की समस्या होती है. इस स्थिति स्टूल का मूवमेंट भी धीमा हो जाता है और पानी का अत्यधिक अवशोषण होने लगता है. इसके परिणाम स्वरूप स्टूल हार्ड और डिहाइड्रेट होने लगता है. यह बहुत ही कठिन परिस्थिति है. इसमें स्टूल पास होना मुश्किल होने लगता है. डॉ गोपाल ने बताया, “सर्दियों में कॉन्स्टिपेशन के लिए मुख्य रूप से डिहाइड्रेशन और कॉफी, चाय, अल्कोहल का अत्यधिक सेवन जिम्मेदार है. चूंकि सर्दियों में भूख भी ज्यादा लगती है तो लोग फ्राइड चीजें और जंक फूड खाने की लत लगा लेते हैं. इस कारण कॉन्स्टिपेशन की समस्या और बढ़ जाती है. इसके अलावा सर्दी में तापमान नीचे आने से मेटाबोलिक प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिसके कारण आंत का मूवमेंट भी स्लो हो जाता है. दूसरी ओर सर्दी में टॉयलेट सीट काफी ठंडी रहती है जिसका भी असर होता है.”
कॉन्स्टिपेशन के लक्षण
मुंबई में मसीना अस्पताल के डॉ तहसीन ए पाटीवाला ने बताया कि सर्दियों में प्यास कम लगती है. इस कारण लोग कम पानी पीते हैं. कॉन्स्टिपेशन की एक वजह यह भी हो सकती है. वहीं सर्दियों में ज्यादा फैट वाली चीजें लोग खाना पसंद करते हैं जिसके कारण इसे पचने में बहुत समय लगता है. ये फूड आंत के संतुलन को बिगाड़ देते हैं. इस कारण सर्दियों में पानी पीने में कमी नहीं करनी चाहिए. कॉन्स्टिपेशन में अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ लोगों को मुंहासे हो सकते हैं, तो कुछ का वजन बढ़ सकता है तो कुछ को तेज सिरदर्द हो सकता है. हमेशा पेट भरा-भरा सा महसूस होता है. इसके अलावा कॉन्स्टिपेशन में मन बहुत खिन्न रहता है.
कॉन्स्टिपेशन का इलाज
- सर्दियों में हेल्दी वयस्क को कम से कम तीन लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए. खासकर गर्म पानी पीएं ताकि पेट का मूवमेंट सही हो सके.
- ताजा फल जैसे कि अंगूर, अमरूद , संतरे, पपीता, केला, तरबूज आदि का सेवन अवश्य करें.
- खाना खाते समय भोजन को अच्छी तरह चबाएं. इससे खाना पचने में दिक्कत नहीं होती.
- हरी साग-सब्जियां और सलाद का सेवन करें, जंक फूड न खाएं. शराब और अत्यधिक कैफीन के सेवन से बचें.
- जीरा, अजवायन, काली मिर्च, सौंफ जैसे मसालों का प्रयोग करें. इसके साथ ही इलायची भी सीमित मात्रा में खाएं.
इसे भी पढ़ें- Omega 3 Deficiency: दिल और दिमाग को कमजोर बना देती है ओमेगा-3 की कमी, ऐसे करें शरीर में इसकी पूर्ति
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 15:27 IST