हाइलाइट्स
चिरायता का इस्तेमाल बुखार, खांसी, स्किन डिजीज, सूजन की समस्या, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि में किया जा सकता है.
चिरायता में हेपाटोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टी होती है जो शरीर से सभी तरह के हानिकारक जहर को निकाल देती है.
Chirata control sugar and bp: नीम की पत्तियां कड़वी ही क्यों न हो लेकिन यह खून तो साफ करती है. ये कहावत हर किसी ने सुना होगा. नीम की पत्तियां जिस तरह खून और स्किन डिजीज के लिए रामबाण है, उसी तरह चिरायता कई बीमारियों के इलाज में वरदान से कम नहीं है. चिरायता एक प्रकार की जड़ी-बूटी है जिसके बारे में आयुर्वेद में विस्तार से बताया गया है. चिरायता के इस्तेमाल से बुखार, खांसी, पेट दर्द, भूख की कमी, पेट के कीड़े, स्किन डिजीज, सूजन की समस्या, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, अस्थमा और यहां तक कि कैंसर का भी इलाज किया जा सकता है. इससे समझा जा सकता है कि चिरायता हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद है. भारत में मलेरिया में भी चिरायता का इस्तेमाल किया जाता है. चिरायता के छाल और इसकी जड़ का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है.
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चिरायता के फायदे
ब्लड शुगर को कम करता– चिरायता खून में शुगर की मात्रा को घटाता है. लाइब्रेट वेबसाइट की खबर के मुताबिक चिरायता में अमारोगेंटिन बायोएक्टिव कंपाउंड होता है. यह कंपाउंड इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है. चिरायता पैनक्रियाज में बीटा सेल्स को सक्रिय कर देता है जिससे इंसुलिन का उत्पादन होता है.
लिवर की रक्षा करता-चिरायता लिवर का डिटॉक्सीफिकेशन कर देता है. चिरायता लिवर और किडनी में गए टॉक्सिन मैटेरियल को बाहर निकाल देता है. चिरायता में हेपाटोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टी होती है जो शरीर से सभी तरह के हानिकारक जहर को निकाल देती है. इसके साथ ही चिरायता लिवर में सेल्स के पुनर्जनन में मदद करता है. यानी लिवर की कोशिकाएं दोबारा बनने लगती है.
एंटी पैरासिटिक-चिरायता को कीड़े-मकोड़े मारने वाला कहा जाता है. इसलिए कहा जाता है कि चिरायता के सेवन से खून साफ होता है यानी खून में जितने पैरासाइट या कृमि होते हैं, इसमें मौजूद रसायन इन्हें मार देते हैं. यह शरीर से हर तरह की कृमि को मारकर बाहर निकाल देता है. डायरिया, लिवर और लंग्स की एनीमिया को भी चिरायता दूर करता है.
ब्लड प्रेशर कम करता-चिरायता ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है. वेबएमडी की खबर के मुताबिक चिरायता से हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन भी कम होता है. इसके अलावा बिच्छु काटने का इलाज भी चिरायता से किया जाता है. चिरायता अस्थमा रोगियों के लिए भी फायदेमंद है.
स्किन केयर-चिरायता हर तरह से स्किन का ख्याल रखता है. चिरायता के नियमित सेवन से स्किन में कोई इंफेक्शन नहीं होता और स्किन में ग्लोइंग बरकरार रहता है. चिरायता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को हर तरह से पारदर्शी बनाते हैं. यह स्किन से संबंधित दिक्कतें, जैसे कि रेशेज, इचिंग, सूजनन, बर्निंग, रेडनेस आदि को दूर करता है.
चिरायता के साइड इफेक्ट
चिरायता बहुत ही कड़वी होता है. इसका सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. चिरायता के ज्यादा सेवन से उल्टी, चक्कर, सून्नापन और हाइपोग्लीसिमिया हो सकता है. जब अत्यधिक इंसुलिन का उत्पादन हो तो उसे हाइपोग्लीसिमिया कहते हैं. इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में चिरायता का इस्तेमाल सोच समझकर किया जाना चाहिए.
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Tags: Blood Sugar, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 17:31 IST