12 चीतों की एक और खेप तैयार! नामीबिया के बाद अब इस देश से भारत आएंगे चीते


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जनवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों की खेप आ सकती है।

नयी दिल्ली: कूनो नेशनल पार्क में सितंबर महीने में छोड़े गए चीतों ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। तब 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नेशनल पार्क में छोड़ा था। अब नई खबर यह है कि जनवरी में 12 और चीते दक्षिण अफ्रीका से भारत पहुंच सकते हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक, 12 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में ट्रांसफर करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है और ये चीते जनवरी में पहुंच सकते हैं।

चीतों को 6 महीने से रखा गया है अलग

कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के 20वें सम्मेलन में 7 नर और 5 मादा चीतों को लाने की तैयारियों पर एक प्रेजेंटेशन दिया था। चीतों को दक्षिण अफ्रीका में पिछले 6 महीने से अलग रखा गया है। सूत्रों ने कहा कि चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाने के लिए एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर अभी किये जाने हैं। हस्ताक्षर होने के बाद इन चीतों को भारत लाए जाने के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।

देश में चीतों को फिर से बसाने की तैयारी
भारत के वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार ‘भारत में चीतों को फिर से बसाने की कार्ययोजना’ के अनुसार करीब 12-14 जंगली चीतों (8 से 10 नर और 4 से 6 मादा) को दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया तथा अन्य अफ्रीकी देशों से मंगाया जाना है। यह संख्या देश में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त है। कार्यक्रम के तहत शुरुआत में 5 साल के लिए ये चीते आएंगे और बाद में जरूरत पड़ने पर और चीते लाये जा सकते हैं।

पीएम ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़े थे 8 चीते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आये 8 चीतों की पहली खेप को गत 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में छोड़ा था। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते थे। पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि कूनो में सभी 8 चीतों को अब बड़े परिसर में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा था कि चीतों में किसी तरह की सेहत संबंधी जटिलता नजर नहीं आई है। देश में 1952 में चीते विलुप्त हो गये थे और 70 साल बाद इस पशु को पिछले साल भारत लाया गया था।

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