सरकार ने सुन्नी बांध परियोजना के लिए 2,614 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी


एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन लिमिटेड की 382 मेगावॉट की सुन्नी बांध पनबिजली परियोजना के लिए निवेश को मंजूरी दी है।

सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावॉट क्षमता की सुन्नी बांध पनबिजली परियोजना के लिए 2,614.51 करोड़ रुपये के निवेश की बुधवार को मंजूरी दे दी। इस परियोजना का विकास सार्वजनिक क्षेत्र की एसजेवीएन लिमिटेड कर रही है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन लिमिटेड की 382 मेगावॉट की सुन्नी बांध पनबिजली परियोजना के लिए निवेश को मंजूरी दी है।

इसकी अनुमानित लागत 2,614.51 करोड़ रुपये है जिसमें अवसंरचना के लिए भारत सरकार की ओर से 13.80 करोड़ रुपये का बजट समर्थन शामिल है।’’
इसमें बताया गया कि जनवरी, 2022 तक इस परियोजना पर 246 करोड़ रुपये के कुल खर्च को भी मंजूरी दी गई। यह राशि पहले ही खर्च हो चुकी है और इसे अब मंजूरी दी गई है।
बयान में कहा गया है कि परियोजना लागत 2,614 करोड़ रुपये में से 2,246.40 करोड़ रुपये मुख्य खर्च के लिए होंगे। वहीं निर्माण के दौरान ब्याज (आईडीसी) तथा परियोजना के वित्तपोषण शुल्क (एफसी) के लिए क्रमश: 358.96 करोड़ रुपये और 9.15 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

बयान में कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्य और उद्देश्यों के तहत एसजेवीएन की 382 मेगावॉट की सुन्नी बांध परियोजना से स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं/स्थानीय उपक्रमों/एमएसएमई को कई तरह के लाभ मिलेंगे। इससे देश में उद्यमिता के अवसरों को प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही रोजगार और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
बयान के अनुसार, परियोजना के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से करीब 4,000 रोजगार सृजित होंगे।

इस बीच, एसजेवीएन ने एक बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में सतलुज नदी पर बनने वाली इस परियोजना से सालाना 138.2 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होगी और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 11 लाख टन की कमी लाने में मदद मिलेगी।
परियोजना निर्माण कार्य शुरू होने के 63 महीनों के भीतर चालू होगी।
एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने कहा, ‘‘परियोजना के लिये वन और पर्यावरण मंजूरी पहले ही मिल चुकी है… परियोजना निर्माण गतिविधियों के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से 4,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।’’
परियोजना के चालू होने पर 13 प्रतिशत बिजली मुफ्त हिमाचल प्रदेश सरकार को दी जाएगी। इसके अलावा, प्रभावित परिवार को हर महीने 100 यूनिट बिजली 10 साल तक मुफ्त दी जाएगी।

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