समाधान प्रक्रिया के समय को कम करने के लिए दिवाला कानून में संशोधन की तैयारी


प्रतिरूप फोटो

Google Creative Commons

अधिकारी ने कहा कि समाधान प्रक्रिया में देर होने से इन संपत्तियों के मूल्य में गिरावट आ जाती है, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन प्रस्ताव को अगले साल की शुरुआत में संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

सरकार तनावग्रस्त संपत्तियों की समाधान प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए दिवाला कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि समाधान प्रक्रिया में देर होने से इन संपत्तियों के मूल्य में गिरावट आ जाती है, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन प्रस्ताव को अगले साल की शुरुआत में संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। आईबीसी कानून को 2016 में तनावग्रस्त संपत्तियों के समाधान के लिए लागू किया गया था।

कानून में संशोधन करने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का यह कदम विभिन्न पक्षों द्वारा जताई गई चिंताओं के बाद उठाया गया है। इन चिंताओं में कहा गया था कि कई कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाएं मुकदमों और अन्य मुद्दों के कारण निर्धारित समयसीमा से अधिक समय ले रही हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पीटीआई-से कहा कि बैंकरों और वकीलों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है और आने वाले हफ्तों में बदलावों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि समाधान प्रक्रिया को तेज करने और इसमें लगने वाले समय को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



अन्य न्यूज़





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *