मुंबई. पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी ने मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष इस आरोप से इनकार किया कि उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी को उसकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में फंसाने के लिए खार पुलिस के साथ साजिश के तहत पंचनामे पर ‘झूठा हस्ताक्षर’ किया था. राहुल मुखर्जी शीना बोरा हत्या मामले में गवाह के रूप में गवाही दे रहे हैं और वर्तमान में इंद्राणी मुखर्जी के वकील रंजीत सांगले द्वारा विशेष सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) न्यायाधीश एस पी नाइक-निंबालकर के समक्ष उनसे जिरह की जा रही है.
इंद्राणी मुखर्जी हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं और वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं. अगस्त 2015 में हत्या का मामला प्रकाश में आने के बाद उसे सह-आरोपी संजीव खन्ना के साथ गिरफ्तार किया गया था. मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने से पहले उसकी जांच उपनगरीय खार में पुलिस द्वारा की गई थी. जब खार पुलिस मामले की जांच कर रही थी, तब उसने राहुल मुखर्जी का बयान दर्ज किया था और अन्य सामानों के साथ उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था.
राहुल मुखर्जी ने दावा किया है कि अप्रैल 2012 में बोरा के लापता होने के बाद उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी और अब उसके पूर्व पति पीटर मुखर्जी के साथ अपनी बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी थी. अधिवक्ता सांगले के एक सवाल के जवाब में, राहुल मुखर्जी ने कहा कि फोन को पुलिस को सौंपते समय उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि उसमें कितनी ऑडियो रिकॉर्डिंग थी.
उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘यह कहना सही नहीं है कि मैंने 24 सितंबर, 2015 को झूठा जब्ती पंचनामा (कुछ चीजों को दर्ज करने वाला एक दस्तावेज) तैयार करने के संबंध में खार पुलिस थाने के साथ साजिश की थी.’’ उन्होंने ‘‘इंद्राणी को झूठे ही फंसाने के लिए’’ खार पुलिस के साथ साजिश के तहत पंचनामे पर झूठा हस्ताक्षर करने से इनकार किया.
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FIRST PUBLISHED : November 23, 2022, 00:04 IST