भारत बायोटेक की इंट्रानेजल कोविड-19 बूस्टर को DCGI की मंजूरी मिली, जानें क्या है खासियत


नई दिल्ली. भारत बायोटेक की कोविड-19 नेजल वैक्सीन iNCOVACC की बूस्टर डोज को शुक्रवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) की मंजूरी मिल गई. हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता के अनुसार, नाक के जरिए म्यूकोसा की संगठित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण यह टीकाकरण की उत्कृष्ट क्षमता है. iNCOVACC भारत की पहली नेजल वैक्सीन है, जिसे कोविड-19 से सुरक्षा के लिए विकसित किया गया है.

CNBC-TV18 सूत्रों के अनुसार, EUA को वयस्कों के लिए तीसरी खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई है, भले ही उन्हें Covaxin या Covishield वैक्सीन की खुराक दी गई हो. ChAd-SARS-CoV-2-S का इंट्रानेजल टीकाकरण नाक में एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है, जो वायरस के लिए प्रवेश का बिंदु है. बूस्टर खुराक इस प्रकार बीमारी, संक्रमण और संचरण से रक्षा करेगी. दूसरी खुराक के छह महीने बाद नेजल वैक्सीन ली जा सकती है. यह सुई रहित है, इसलिए यह आसान हो जाता है.

भारत बायोटेक ने दावा किया कि इंट्रानेजल वैक्सीन एक व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है और इससे कोविड-19 के संक्रमण और संचरण दोनों को अवरुद्ध करने की संभावना है. 6 सितंबर को, DCGI ने 18 वर्ष से अधिक आयु वालों में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन iNCOVACC को मंजूरी दी थी.

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक ने डीसीजीआई से इंट्रानेजल हेट्रोलॉगस बूस्टर के लिए बाजार प्राधिकरण के लिए भी आवेदन किया था. कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद वैक्सीन को बूस्टर शॉट के तौर पर दिया जाएगा. भारत ने इस साल 10 अप्रैल से सभी वयस्कों को बूस्टर खुराक देना शुरू किया.

क्या बूस्टर डोज लेना जरूरी है?
बूस्टर डोज कोविड-19 से बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है. पहली दो खुराक अभी भी गंभीर बीमारी के विकास को रोकने में प्रभावी हैं, लेकिन वे समय के साथ कम प्रभावी हो सकती हैं. विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर रोगों से पीड़ित रहने वाले लोगों में.

Tags: Bharat Biotech vaccines, Corona infection, DCGI approval, New Delhi news



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