Skin Cancer in Unexpected Places: त्वचा हमारी शरीर का सबसे बड़ा अंग है. हमारे शरीर के अधिकांश अंगों की देखभाल त्वचा ही करती है. लोग हेल्थ के लिए दूसरे अंगों पर तो ध्यान देते हैं लेकिन त्वचा की देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं. त्वचा ही है जो अंगों को बाहरी छति से बचाती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है. हालांकि पिछले कुछ समय में खराब जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान की वजह से त्वचा संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. स्किन कैंसर भी त्वचा की एक गंभीर बीमारियों में से एक है जिस पर अगर समय से ध्यान नहीं दिया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है.
हेल्थ डाइजेस्ट की खबर के अनुसार स्किन कैंसर, कैंसर की एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज बहुत हद तक संभव है अगर इसे समय पर डिटेक्ट किया जा सके. खबर के मुताबकि करीब 10 हजार अमेरिकियों को हर दिन पता चलता है कि उन्हें त्वचा का कैंसर है इसलिए जरूरी है कि आपको इसके लक्षण और संकेतों के बारे में जानकारी होना चाहिए. हमारी स्किन में कुछ ऐसी जगहें हैं जहां कैसर सामान्य है लेकिन कई ऐसी जगहें भी हैं जहां आपको लगता है कि यहां कैंसर नहीं होता लेकिन उस जगह पर कैंसर होने की भी संभावना बहुत अधिक होती है. आइए जानते हैं इनके बारे में…
स्किन कैंसर के प्रकार
– बेसल सेल कार्सिनोमा
– स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा
– मेलेनोमा-
– एक्टिनिक केराटोसिस-
– कपोसी सरकोमा
हमारी स्कैल्प: स्किन कैंसर से हमारी स्कल काफी हद तक सुरक्षित रहती है, आखिरकार यह तब तक सेफ है जब तक हमारे सिर में बाल कम नहीं हो जाते. हमारी खोपड़ी में होने वाला कैंसर मेलेनोमा का एक प्रकार होता है और इसके लिए हमारा स्कल एक आम साइट है. अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार हमारा सिर बालों से ढका रहता है लेकिन खोपड़ी हमेशा सूरज की रोशनी के संपर्क में रहती है और इससे त्वचा कैंसर का खतरा हो सकता है. इसके अलावा यदि आपने कभी स्कैल्प, सिर, गर्दन के आसपास रेडिएशन वाली थेरेपी ली है तो इससे त्वचा कैंसर हो सकता है.
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हमारी पलकें: अक्सर लोग इस बात से बेफिक्र होते हैं को शरीर के इस छोटे से भाग में कैंसर नहीं हो सकता लेकिन ऐसा नहीं है. रिपोर्ट की मानें तो स्किन कैंसर के करीब 10 प्रतिशत मामले इसी भाग के होते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पलकें काफी नाजुक होती हैं जिससे इसके क्षतिग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है. पलकों में होने वाला कैंसर दूसरे त्वचा कैंसर से अधिक घातक होता है.
पैरों के तलवे: पैरों के तलवे पर शायद ही कोई दिन में एक बार भी नजर डालता हो. लोग इस भाग को देखना कम ही पसंद करते हैं. लेकिन तलवों में भी कैंसर होने का खतरा रहता है इसलिए जरूरी है कि समय समय पर इस भाग पर नजर डाले और त्वचा में हो रहे बदलाव पर गौर करें. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन बताती है कि आपके पैरों के तलवे आपके शरीर के अन्य अंगों की तरह ही मेलेनोमा के विकास के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं. पैर की चोट से मेलेनोमा भी शुरू हो सकता है.
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हमारे होठ: हमारे होंठ भी त्वचा का ही हिस्सा होते हैं और ये भी सिक्न कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. वास्तव में होठ का कैंसर ओवर कैंसर का सबसे अधिक होने वाला प्रकार है. होंठ के कैंसर से बचने के लिए अच्छे प्रकार के लिप बाम का प्रयोग किया जा सकता है. हालांकि होंठ कैंसर के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं लेकिन इसके होने की संभावना को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
नाखूनों के नीचे के भाग: हमारे नाखून के नीचे के भाग भी कैंसर की चपेट में आ सकते हैं. इस भाग में होने वाले कैंसर को सबंगुअल मेलानोमा कहा जाता है. हमारे शरीर में 20 नाखून पाए जाते हैं और इनमें से कोई भी नाखून इससे प्रभावित हो सकता है. नाखूनों के पास होने वाला कैंसर में स्किन गहरे रंग की दिखने लगती है.
कान के पीछे: ज्यादातर लोग सामने की स्किन की सुंदरता और उसके स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं लेकिन कान के पीछे की स्किन की सफाई होना भी बहुत जरूरी है. कान के पीछे का कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा हो सकता है इसमें त्वचा एक कठोर, गुलाबी गांठ, या एक घाव के रूप में दिखाई दे सकता है.
जीभ का कैंसर: हमारी जीभ मांसपेशियों की बनी होती है. इसमें महीन बारीक त्वचा कोशिकाएं होती हैं. हमारे शरीर में जहां भी त्वचा कोशिकाएं पाई जाती हैं वहां पर स्किन कैंसर का खतरा होता है. जीभ में होने वाला कैंसर मस सेल कार्सिनोमा है. इसकी शुरुआत में जीभ में महीन महीने दांने पड़ने लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 15:00 IST