प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार पर बड़ा हमला, कहा- बिना सिक्योरिटी के नहीं चल सकते


हाइलाइट्स

प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर साधा बड़ा निशाना.
बिना सिक्योरिटी CM बिहार के किसी गांव में पैदल नहीं निकल सकते.-पीके.
बिहार का जल संसाधन विभाग धन उगाही का बड़ा माध्यम- प्रशांत किशोर.

मोतिहारी. जन सुराज यात्रा के दौरान रामगढ़वा, पूर्वी चंपारण पहुंचे प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. पीके ने इस बार नीतीश सरकार के कार्यों के प्रति असंतोष और राज्य में लचर कानून व्यवस्था को एक साथ निशाने पर लिया. पीके ने कहा कि सीएम नीतीश बिना सुरक्षा के बिहार के किसी भी गांव में पैदल नहीं चल सकते हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, नीतीश कुमार और उनके शासनकाल के लिए लोग जमीन पर अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं. नीतीश कुमार बिहार के किसी गांव में बिना सुरक्षा और सरकारी अमला के पैदल नहीं चल सकते. बिहार में अफसरशाही, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. बिना पैसा दिए एक काम नहीं होता है. अगर लालू जी का शासनकाल अपराधियों का जंगलराज था तो नीतीश कुमार का शासनकाल अधिकारियों का जंगलराज है.

पीके ने आगे कहा, 2014 के नीतीश कुमार और 2017 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 2020 में विधानसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद भी कुर्सी पर किसी तरह बने हुए हैं.

आपके शहर से (पूर्वी चंपारण)

पूर्वी चंपारण

पूर्वी चंपारण

प्रशांत किशोर ने विशेष राज्य की मांग पर भी सीएम नीतीश को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. पीके ने कहा, नीतीश कुमार जब भाजपा के साथ होते हैं तब उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की याद नहीं आती. भाजपा से अलग होते ही वे विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने लगते हैं.

पीके ने आगे कहा, वर्तमान में केंद्र से मिलने वाली राशि तो बिहार सरकार ले नहीं पा रही है, मनरेगा के लिए केंद्र बिहार को 10 हजार करोड़ रुपए सालाना आवंटित करती है, बिहार सरकार केवल 40% बिहार सरकार ले रही है. ऐसे में विशेष राज्य का दर्जे का कोई मतलब नहीं है.

वहीं, प्रशांत किशोर ने जल संसाधन विभाग पर भी बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी के लिए जल संसाधन विभाग धन उगाही का जरिया है, प्रशांत किशोर ने बताया कि मोटे तौर पर बिहार में नदियों को जोड़कर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. हमलोग इस पर अभी काम कर रहे हैं.

पीके ने कहा कि उत्तर बिहार बाढ़ से प्रभावित रहता है आज दक्षिण बिहार सूखाग्रस्त है. डैम बनाने से या पानी को रोकने से बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. जल संसाधन विभाग आज के समय में भ्रष्टाचार और लूट का सबसे बड़ा विभाग बन चुका है. जो भी सत्ताधारी पार्टी रही है, जल संसाधन विभाग को अपने पास रखा है. इसमें खर्च का कोई ट्रेस नहीं है, इसलिए बाढ़ का उचित समाधान अबतक नहीं निकल पाता है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *