पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से भी बढ़ सकता है कोविड का खतरा, स्टडी में वैज्ञानिकों ने बताई बड़ी बात


Post-Traumatic Stress Disorder: हेल्दी लाइफ के लिए जितना शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है उतना ही जरूरी है हमारे लिए मानसिक स्वास्थ्य भी है. कुछ देर की चिंता हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होती लेकिन यदि यह कई दिनों तक रहे तो यह पूरे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है. बदलती जीवनशैली, वर्कलोड और पारिवारिक समस्याओं की वजह से पिछले कुछ समय में मानसिक स्वास्थ्य के कई मामले सामने आए हैं. ऐसी एक मानसिक बीमारी है पोस्ट ट्रॉमैकिटक स्ट्रेस डिसऑर्डर. इसमें कोई शख्स पूर्व में हुई किसी प्रकार वीभत्स घटना, दर्दनाक अनुभवों से परेशान रहता है.

कोरोना महामारी के बाद से पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के मामले काफी तेजी से सामने आए हैं. डेली जनरल की खबर के अनुसार हाल ही हुई शोध के अनुसार पीटीएसडी कोविड के रिस्क को बढ़ा सकती है. शोध के अनुसार पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी मनोरोग स्थितियों वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने या COVID-19 से मरने की संभावना अधिक हो सकती है.

इस अध्ययन को मेडिकल जर्नल ट्रांसलेशनल साइकियाट्री में प्रकाशित गया था. शोध के दौरान पता चला कि PTSD वाले लोगों के लिए COVID-19 के साथ कम से कम 60 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 9% और मृत्यु का जोखिम 8% बढ़ गया था.

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ठीक इसी तरह बाइपोलर डिसऑर्डर वाले लोगों में कोरोना महामारी से मरने की संभावना करीब 29 प्रतिशत अधिक थी, जबकि उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 46 प्रतिशत अधिक थी. वहीं डिप्रेशन से ग्रसित लोगों में कोविड से मृत्यु का जोखिम 13 प्रतिशत अधिका था और उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी 21 प्रतिशत अधिक थी.

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वैज्ञानिकों ने अपने शोध के लिए फरवरी 2020 से लेकर 2021 के बीच कोविड के लिए पॉजिटिक रिजल्ट देने वाले करीब 228,000 रोगियों के मानसिक समस्याओं और कोविड के बीच संबंध की जांच की थी. यूसीएसएफ में मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर ने एओइफ ओ डोनोवन ने कहा कि महामारी से मनोवैज्ञानिक तनाव या कोविड संक्रमण के अनुभव से मनोरोग के लक्षण बढ़ सकते हैं.

एक्सपर्ट का मानना है कि पीटीएसडी सेलुलर उम्र बढ़ने में तेजी ला सकता है, टेलोमेरेस को छोटा कर सकता है, इस प्रकार उम्र से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. शोध में शामिल किए गए लोगों की औसत आयु 60.6 वर्ष थी, 89.5% पुरुष थे और 72.1% में मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग सहित कम से कम एक शारीरिक बीमारियों से पीड़ित थे. शोध में यह सामने आया कि जिन लोगों में मनोविकार था उन लोगों में कोविड से मरने का जोखिम अधिक था.

Tags: Anxiety, Covid19, Depression, Health, Lifestyle



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