पूजा स्थल अधिनियम में संशोधन करेगी केंद्र सरकार? जानिए गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा


नई दिल्ली: पूजा स्थल अधिनियम, 1991 (Places of Worship Act, 1991) पर केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 12 दिसंबर की समय सीमा से पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि कोई भी कानून न्यायिक समीक्षा से ऊपर नहीं है. उन्होंने ‘इंडिया: वाइब्रेंट डेमोक्रेसी, ग्लोबल ब्राइट स्पॉट’ थीम पर टाइम्स नाउ समिट के दौरान कहा, ‘अयोध्या के फैसले के बाद, कुछ और विवाद सामने आए हैं और 1991 में बनाए गए कानून को भी चुनौती दी गई है. मुझे इन मुद्दों के बारे में सार्वजनिक मंच से नहीं बोलना चाहिए क्योंकि ये विचाराधीन हैं. हालांकि, मुझे कहना होगा कि हर कानून को न्यायिक समीक्षा से गुजरना चाहिए.’ पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 एक कानून है, जो 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धार्मिक स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी स्मारक के धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाता है.

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केंद्र की तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने 11 जुलाई, 1991 को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 लागू किया. अंग्रेजी में इसे प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट, 1991 नाम से जाना जाता है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पूजा स्थल अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखती है, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और वह जल्द ही इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट करेगी. कानून पर विशेष रूप से टिप्पणी करने की उनकी अनिच्छा के बावजूद, अमित शाह की टिप्पणी को महत्वपूर्ण और मामले पर सरकार की सोच में पहली संभावित झलक के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के संवेदनशील मुद्दे पर भी बात की और कहा, ‘देश में यह 2024 तक हो सकता है, लेकिन इस विषय पर और साथ ही सीएए और एनआरसी पर एक स्वस्थ और खुली बहस होगी.’

सीएए-एनआरसी पर, शाह ने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि पड़ोसी इस्लामिक देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कानून में बदलाव को डीप फ्रीजर में डाल दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘सीएए एक कानून और एक वास्तविकता है जिसे अब बदला नहीं जा सकता है; हमें नियम बनाने होंगे. कोविड-19 महामारी के कारण इनमें देरी हुई. कोई सपने में भी न देखे कि CAA लागू नहीं होगा. जो लोग ऐसा सोचते हैं, वे गलत हैं.’ अमित शाह ने विश्वास जताया कि भाजपा 2024 में भी केंद्र की सत्ता में वापसी करेगी. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी गुजरात में भारी जीत की ओर अग्रसर है और 129 सीटों के अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ स्कोर को पार कर जाएगी, और हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल करेगी. इसके अलावा दिल्ली नगर निगम चुनाव भी जीतेगी, जहां आम आदमी पार्टी से उसका सीधा मुकाबला है.

Tags: CAA-NRC, Home Minister Amit Shah, Uniform Civil Code



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