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उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मामलों के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने शुक्रवार को कहा कि किसान की आय तभी दोगुनी हो सकती है जब वे पशुपालन पर पूरा ध्यान दें। पशुपालन को अपनाए बिना यह संभव नहीं है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मामलों के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने शुक्रवार को कहा कि किसान की आय तभी दोगुनी हो सकती है जब वे पशुपालन पर पूरा ध्यान दें। पशुपालन को अपनाए बिना यह संभव नहीं है।
आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मखदूम गांव में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित एक दिन के ‘राष्ट्रीय बकरी मेला एवं किसान गोष्ठी’ को संबोधित करते हुए चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ वर्ष पूर्व एक लक्ष्य तय किया था कि अगले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, जिसके लिए केंद्र व राज्य की सरकारों ने हरसंभव प्रयास किए और काफी हद तक लक्ष्य को पूरा किया भी है।
परंतु, मेरा स्पष्ट मत है कि किसान की आय तभी दोगुनी हो सकती है कि जब वे पशुपालन पर पूरा ध्यान दे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वयं एक किसान हूं और मुझे मालूम है कि ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे खेती में दोगुनी पैदावार कर सकते, इसलिए केवल खेती के भरोसे ही किसान की आय को दोगुने तक नहीं ले जाया जा सकता।’’
मंत्री ने भेड़ और बकरी पालन तथा उसके व्यावसायिक उपयोग का उदाहरण देते हुए कहा कि आज भी डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज दवाओं से नहीं हो पाता, तब लोग बकरी का दूध डेढ़ से दो हजार रुपये लीटर तक की कीमत में खरीदने को लालायित रहते हैं।
इसी प्रकार भेड़ का दूध टूटी हड्डियों को जोड़ने में आधुनिक चिकित्सा पद्धति को भी कई बार मात दे देता है।
चौधरी ने इस संबंध में अपना ही उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्हें डेढ़ वर्ष तक बिस्तर पर रहना पड़ा था, तब उनका जो इलाज एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में संभव न हो सका, वह भेड़ का दूध पीने और उससे बने खोए से मालिश करने से हो गया।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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