दुनिया को अब वायरसों से मिलने वाली है मुक्ति! वैज्ञानिकों ने ढूंढा ऐसा जीव, जो खाता है वायरस


हाइलाइट्स

अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का-लिंकन के वैज्ञानिकों ने की Virovore की खोज.
Virovore एक ऐसा जीव है, जो वायरस खाता है.

नई दिल्ली. पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया अलग-अलग वायरसों से परेशान है. कोरोना वायरस से ही पूरी दुनिया जूझ रही है. लेकिन इस बार जो जीव मिला है, वो हमारे लिए कारगर साबित हो सकता है. क्योंकि ये जीव दूसरे वायरसों को खाता है. अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का-लिंकन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव की खोज की है, जो दूसरे वायरसों को खाकर उनकी संख्या कम कर देता है और अपना आकार बढ़ाता जा रहा है.

साफ पानी में पाया जाता है Virovore
यह संभव है कि आने वाले समय में इस वायरस का इस्तेमाल नुकसान पहुंचाने वाले वायरसों को खत्म करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि इसे एक जीव की तरह माना जा रहा है. दरअसल, इस जीव को प्लैंकटॉन कहा जाता है, जिसे साफ पानी में पाया जाता है. ये जीव केवल वायरसों को खाकर अपना पेट भरता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यही जीव वायरस को खाता है पर यह इकलौता ऐसा जीव है, जो सिर्फ वायरस खाता है. जबकि अन्य जीव जरुरत पड़ने पर वायरस को खाते हैं.

अपने सूंड से वायरसों को पकड़कर खाता है Virovore
वैज्ञानिकों ने इसे वीरोवरी (Virovore) नाम दिया है. यह स्टडी PNAS में प्रकाशित हुई है. जो माइक्रोब केवल वायरस खाता है, उसे हाल्टेरिया कहते है. यह एक प्रोटिस्ट जीव है. पानी में यह अपने बाल जैसे पतले सूंड को लहराता है, उससे वायरस को पकड़कर खाता है. लैब में भी इस जीव ने क्लोरोवायरस को खाया. यह एक जायंट वायरस है. इसे ही खाकर हाल्टेरिया ने अपनी संख्या दुनिया भर के साफ पानी के स्त्रोतों में बढ़ाई है.

इस जीव को लेकर खोज जारी है
यह खोज करने वाले प्रमुख शोधकर्ता जॉन डिलॉन्ग ने कहा कि वायरस और हाल्टेरिया के बीच का संबंध अद्भूत है. वायरस को खाने और फिर अपनी आबादी बढ़ाने वाला हाल्टेरिया बड़ी मात्रा में ऊर्जा पैदा कर रहे हैं. यानी अगर पूरी दुनिया के स्तर पर देखें तो बड़े स्तर पर कार्बन साइक्लिंग हो रही है. जॉन का कहना है कि यह एक बड़ी खोज है. इसपर और रिसर्च करने की जरुरता है, जो की जा रही है. हमें यह पता करना है कि क्या ये घटना जंगलों में भी हो रही है.

Tags: Coronavirus, Health News



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