दांतों में सड़न को हल्के में न लें, इस तरह करें पहचान और इलाज – how to recognize tooth decay what is its treatment – News18 हिंदी


हाइलाइट्स

दांतों की समस्या को न करें नजरअंदाज.
समस्या होने पर चिकित्सक से संपर्क करें.
दांतों की साफ-सफाई का रखें ध्यान.

How To Identify Tooth Decay- दांतों में दर्द, मुंह से बदबू और मसूड़ों से ब्लड आना ये लक्षण दांत में होने वाली सड़न की ओर इशारा करते हैं. यदि इन लक्षणों का इलाज सही समय पर न किया जाए तो सड़ने वाले दांतों में संक्रमण बढ़ जाता है और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है. जो पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है. व्यक्ति के मुंह में 700 से भी अधिक प्रकार के माइक्रोब्स होते हैं. ये माइक्रोब्स शरीर में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य जीवों के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखते हैं. कुछ बैक्टीरिया शरीर के लिए अच्छे होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं. वहीं कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं जो बीमारी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं. ये बैक्टीरिया एसिड, वायरस और फंगस के साथ मुंह में ही रहते हैं और दांत में सड़न का कारण बन सकते हैं. दांतों की सड़न से कई प्रकार की दांत और मसूड़ों से संबंधित समस्याएं आ सकती हैं. जिसे समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है. ये समस्याएं बढ़कर पायरिया या अल्सर का कारण भी बन सकती हैं.

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दांत में सड़न के कारण
वेरीवैल हेल्थ के अनुसार दांत में सड़न की समस्या तब शुरू होती है जब चीनी और र्स्टाचयुक्त‍ चीजें जैसे- केक, कैंडी, सोडा, ब्रेड और अनाज जैसी कई चीजें दांतों के बीच में फंस जाती हैं. ब्रश करने के बावजूद ये चीजें दांत में चिपकी रह जाती हैं. वहां मौजूद बैक्टीरिया इन्हें पचाने में मदद करते हैं जिसके कारण ये एसिड में बदल जाते हैं. मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और एसिड प्लाक का निर्माण करते हैं. जो धीरे-धीरे दांतों के इनेमल को कम कर देते हैं और दांत की सड़न का कारण बनता है. दांत के सड़ने और गलने से दांतों में छेद हो सकता है जिसे कैविटी कहते हैं. कै‍विटी से दांत के डैमेज और गम डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है.

दांत के सड़ने के लक्षण
– जब दांत सड़ने लगते हैं तो दांतों का मिनरल लॉस होने लगता है और दांत में सफेद दाग दिखाई देने लगता है.
–  दांतों और मसूड़ों में अधिक दर्द हो सकता है.
–  दांत अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं.
–  दांत में कैविटी हो सकती है.
–  दांत में इंफेक्‍शन हो सकता है.
–  चेहरे पर सूजन आ सकती है.
–  कई मामलों में पेशेंट को बुखार भी आ सकता है.

क्या है इसका इलाज
–  एक्स‍ट्रेक्शन- अधिक गंभीर स्थिति में चिकित्सक व्यक्ति के सड़े हुए दांत को निकालकर, नए दांत इम्लांट कर सकते हैं.
–  फ्लोराइड ट्रीटमेंट- फ्लोराइड एक नेचुरल मिनिरल है जो दांतों के इनेमल की सुरक्षा और मरम्मत करता है.
–  फिलिंग- यदि दांतों की सड़न का कारण कैविटी है तो चिकित्‍सक एक छोटी सी ड्रिल से सड़े हुए दांत को हटा देंगे और इसे फिलिंग से भर देते हैं.
–  रूट कैनाल- अधिक गंभीर मामलों में रूट कैनाल किया जाता है. रूट कैनाल के दौरान सड़े हुए दांत को हटा दिया जाता है और क्राउन को उस जगह पर लगा दिया जाता है.

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दांतों को सड़न से बचाने के लिए जरूरी है कि दांतों की प्रॉपर हाईजीन और देखरेख की जाए. दांतों में अधिक समस्यां होने पर चिकित्सक की सलाह अवश्य लें.

Tags: Health, Lifestyle



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