हाइलाइट्स
डैश डाइट में सोडियम और फैट की मात्रा कम होती है.
इसमें लो कैलोरी फूड आइटम को शामिल किया जाता है
डैश डाइट से वजन कम करने में भी मदद मिलती है.
What Is Dash Diet– वेट लॉस हो या किसी बड़ी बीमारी को कंट्रोल करना हो हम सबसे पहले डाइट पर फोकस करते हैं. ऐसी ही एक डाइट है जो इनदिनों काफी चर्चा में है, जो कई बीमारियों के लक्षणों को कम करने की क्षमता रखती है. वे है डैश डाइट. डैश डाइट एक ऐसी डाइट है जो वेट लॉस के साथ हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकती है. भारत में ही नहीं बल्कि यूएस में भी यंगस्टर्स इस डाइट प्लान को फॉलो कर रहे हैं. डैश डाइट के साथ यदि हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे फिजिकल एक्टिविटी, पर्याप्त नींद, कम स्ट्रैस और मेडिटेशन को अपनाया जाए तो कम समय में कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी जैसी समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है.
क्या है डैश डाइट
डैश डाइट एक प्रकार का कंट्रोल्ड डाइट प्लान है जिसमें शुगर, नमक, जंक और कार्ब्स की मात्रा को कम किया जाता है. एवरी डे हेल्थ के अनुसार डैश डाइट में हैवी मील की जगह छोटी-छोटी मील का प्रयोग किया जाता है. इस डाइट प्लान में सभी पोषक तत्वों को शामिल किया जाता है जैसे फल, सब्जियां, लो डेयरी प्रोडक्ट, मछली, साबुत अनाज और नट्स. इस डाइट में विशेषतौर पर कम सोडियम यानी नमक का प्रयोग किया जाता है जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. डैश डाइट दो प्रकार की होती हैं.
स्टैंडर्ड डैश डाइट- इस डैश डाइट में प्रतिदिन 2300 मिलीग्राम सोडियम का सेवन किया जाता है.
लोअर सोडियम डैश डाइट- इस डाइट प्लान में प्रतिदिन 1500 मिलीग्राम सोडियम का सेवन किया जा सकता है.
डैश डाइट में कितनी कैलोरी लेनी चाहिए
वजन घटाने या वजन को मेंटेन करने के लिए एक व्यक्ति प्रतिदिन में 1200, 1400, 1600, 1800, 2000, 2600 और 3100 कैलोरी का सेवन कर सकता है. ये कैलोरी किसी भी व्यक्ति की लंबाई, चौड़ाई और वजन के अनुसार तय की जाती है.
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डैश डाइट से कैसे हाई बीपी पर पड़ता है प्रभाव
डैश डाइट में सोडियम के साथ सैचुरेटेड फैट की मात्रा को भी सीमित किया जाता है. ये दोनों ही हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक माने जाते हैं. अधिक नमक का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जो हार्ट की मांसपेशियों पर भी अनावश्यक दबाव डाल सकता है. वहीं सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है. कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
डैश डाइट को नियमित रूप से फॉलो करने पर शरीर में अधिक मात्रा में फाइबर पहुंचता है जो कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी को कम करने में सहायक भूमिका निभा सकता है.
डैश डाइट के सेवन से कई समस्याओं को कम किया जा सकता है खासकर मोटापा और हाई बीपी. किसी भी डाइट को फॉलो करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना आवश्यक है.
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Tags: Food, Health, Health benefit
FIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 22:20 IST