रतलाम. सामूहिक बलात्कार के आरोप में दो साल जेल में रहने के बाद बरी होने वाले मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के एक व्यक्ति ने राज्य सरकार पर 10,006 करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे का दावा ठोका है. कांतू उर्फ कांतिलाल भील (30) ने जिला एवं सत्र न्यायालय रतलाम में यह क्षतिपूर्ति का दावा 19 दिसंबर को राज्य सरकार के साथ-साथ पुलिस के जांच अधिकारी और सहयोगी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पेश किया है और इसकी सुनवाई 10 जनवरी को होगी.
एक महिला से सामूहिक बलात्कार के मामले में कांतू को 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. न्यायालय ने सुनवाई के बाद 20 अक्टूबर 2022 को आरोप प्रमाणित नहीं होने पर उसे दोषमुक्त कर दिया.कांतू ने दावे में कहा है कि झूठे मामले में जेल जाने से उसे मानसिक पीड़ा एवं अन्य परेशानियां हुई हैं और उसका परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच गया. इसलिए 10,006.02 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया गया है.
ये है मामला
कांतू के वकील विजय सिंह यादव ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रतलाम जिले के ग्राम घोडाखेड़ा निवासी कांतू उर्फ कांतिलाल भील और भेरू उर्फ भेरूसिंह निवासी मनासा के खिलाफ एक महिला ने 20 जुलाई 2018 को बाजना थाना में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. महिला के मुताबिक 18 जनवरी 2018 को कांतू उसे मोटरसाइकिल से उसके भाई के घर पहुंचाने का कहकर जंगल में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद उसे भेरू के सुपुर्द कर दिया, जो उसे इंदौर ले गया और छह माह तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा.
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तीन साल फरार रहा कांतू
यादव ने बताया, ‘‘पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर कांतू और भेरू के खिलाफ भादंसं की धारा 376 डी, 346 और 120 में मामला दर्ज कर कांतू को 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. न्यायालय ने सुनवाई के बाद 20 अक्टूबर 2022 को आरोप प्रमाणित नहीं होने पर कांतू और भेरू दोनों को दोषमुक्त कर दिया. उन्होंने कहा न्यायालय से बरी होने के बाद कांतू विधिक शिक्षा, सहायता, निशुल्क कानूनी परामर्श और गरीबों के लिए निशुल्क सेवा देने वाले जय कुलदेवी फाउंडेशन के प्रतिनिधि वकील विजय सिंह यादव से मिला और इसके बाद क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया.
महिलाएं अपने अधिकारों का दुरूपयोग नहीं करें
यादव ने बताया, ‘‘दावे में कहा गया है कि कांतू को झूठे केस में फंसाए जाने पर वह तीन वर्ष तक फरार रहा और करीब दो वर्ष जेल में रहा. बेगुनाह होने के बाद भी करीब दो वर्ष जेल में रहना पड़ा जबकि वह विवाहित और परिवार वाला है. उन्होंने कहा, ‘‘दावे में कहा गया है कि उसके परिवार में बुजुर्ग मां, पत्नी और 3 बच्चे हैं. इनके लालन-पालन और शिक्षा की जिम्मेदारी उस पर थी. उसके जेल जाने से परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच गया. इसके अलावा, उसे मानसिक पीड़ा भी हुई है. इसलिए 10,006.02 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया गया है. महिलाएं अपने अधिकारों का दुरूपयोग नहीं करें, इसलिए भी क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : January 04, 2023, 19:14 IST