गुजरात की जीत के बाद पूर्वोत्तर राज्यों पर पीएम मोदी की नजर, जानें कैसी है 4 राज्यों में बीजेपी की चुनावी तैयारी


नई दिल्ली. गुजरात में सफल चुनाव अभियान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब पूर्वोत्तर पर अपनी निगाहें टिका दी हैं. यहां अगले साल 4 राज्यों में चुनाव होने हैं. दोनों नेताओं ने हाल ही में चुनावी बिगुल फूंकते हुए इस क्षेत्र का दौरा किया है. पीएम मोदी ने रविवार को मेघालय के शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की और त्रिपुरा में 4,350 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न प्रमुख पहलों का उद्घाटन, समर्पण और शिलान्यास किया. शिलांग में आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह भी शामिल हुए.

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र के कामकाज की ‘मानसिकता में बदलाव’ पर प्रकाश डाला और कहा कि उनकी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर के विकास के रास्ते में आने वाली कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है. मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को देश की सुरक्षा और समृद्धि का ‘गेटवे’ बताते हुए कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के जरिए नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के लिए नए मौके पैदा हो रहे हैं. त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होंगे, जबकि मिजोरम में दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे. यहां इन राज्यों में भाजपा और अन्य दलों की स्थिति पर एक नजर है.

त्रिपुरा में बीजेपी के लिए होगी चुनौती
त्रिपुरा में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी और उसके प्रतिद्वंद्वी लेफ्ट के बीच वोट मार्जिन का अंतर 2% से कम था. भाजपा ने बिप्लब देब की जगह माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाया, इस रणनीति का इस्तेमाल उसने कई अन्य राज्यों में सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए किया है. पार्टी ने हाल ही में राज्य स्तर पर संगठन में बदलाव किया है, चुनाव कर्तव्यों का ध्यान रखने के लिए 30 पैनल स्थापित किए हैं. बीजेपी के अपने प्रमुख सहयोगी आदिवासी संगठन इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं और अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है कि उनका गठबंधन जारी रहेगा या नहीं. कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अलावा, भाजपा को भी तिपरा मोथा से खतरा है, जिसने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में भारी जीत हासिल की थी.

मेघालय में क्या होगा बीजेपी का प्लान?
2018 में, कांग्रेस मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने में विफल रही. केवल 2 सीटें जीतने वाली भाजपा ने राज्य में सरकार बनाने के लिए नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) से हाथ मिलाया, लेकिन इस बार, एनपीपी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2023 का चुनाव अकेले लड़ेगी. पिछले चुनावों में खाता खोलने में नाकाम रही तृणमूल कांग्रेस भी मेघालय में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 3 दिवसीय यात्रा के लिए राज्य का दौरा किया.

नगालैंड में भाजपा गठबंधन के साथ उतरेगी
भाजपा ने 2018 नागालैंड चुनावों से पहले नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के साथ गठबंधन किया और सरकार बनाई. इंडिया टुडे के मुताबिक, बीजेपी 2023 के चुनावों में 20 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों को खड़ा करने और 40 अन्य में एनडीपीपी उम्मीदवारों का समर्थन करने की योजना बना रही है. पिछले महीने, नागालैंड भाजपा के तीन जिला अध्यक्षों ने जनता दल (यूनाइटेड) का दामन थाम लिया. भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का एक और सिरदर्द सात जनजातियों द्वारा नागालैंड के 16 जिलों को काटकर एक अलग राज्य की मांग को लेकर है.

मिजोरम में भाजपा सभी सीटों पर लड़ेगी
इस साल अक्टूबर में, मिजोरम के भाजपा प्रमुख वनलालमुआका ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2023 के चुनाव में मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ेगी. वर्तमान में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार सत्ता में है. ज़ोरमथांगा के नेतृत्व वाली पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 40 में से 26 सीटें जीतीं और कांग्रेस को 5 पर समेट दिया. भाजपा ने 2018 में पहली बार मिजोरम में अपना खाता खोला. एमएनएफ केंद्र और एनडीए दोनों में एनडीए का हिस्सा है.

Tags: Amit shah, BJP, Congress, New Delhi news, Pm narendra modi



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *