हाइलाइट्स
एक्सपर्ट ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट होने पर 10 मिनट के अंदर ही सीपीआर शुरू करना चाहिए.
कार्डियक अरेस्ट से दिमाग की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है.
What is Sudden Cardiac Arrest : बदलती जीवनशैली में कई बीमारियां काफी तेजी से बढ़ी हैं जो पहले कभी कभार सुनने को मिलती थीं. ऐसी है एक बीमारी है कार्डियक अरेस्ट. कार्डियक अरेस्ट एक काफी घातक स्थिति होती है. अगर समय रहते है इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह जानलेवा साबित होती है. शुक्रवार 20 नवंबर को बंगाली एक्ट्रेस एंड्रिला शर्मा की मात्र 24 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हो गई. एंड्रिला को 15 नवंबर को कार्डियक अरेस्ट का पहला अटैक आया था.
ज्यादातर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. दोनों ही स्थितियां हमारे हार्ट से संबंधित हैं लेकिन दोनो पूरी तरह से अलग अलग शारीरिक समस्याएं हैं. कार्डियक अरेस्ट क्या है और यह क्यों होता है इस बारे में हमें डिटेल में जानकारी दी दिल्ली स्थित अपोलो हॉस्पिटल की फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा ने. डॉ. आइए जानते हैं कि कार्डियक अरेस्ट के बारे मे…
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट
डॉ. वनीता अरोरा ने बताया कि लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. जिस तरह से एक पंप होता है और उसे चलाने के लिए एक इलेक्ट्रिकल सर्किट होता है उसी प्रकार कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का संबंध होता है. हार्ट एक पंप की तरह होता है और जिस तरह से इलेक्ट्रिकल शार्ट शर्किट की वजह से पंप कार्य करना बंद कर देता है ठीक उसी तरह से कार्डियक अरेस्ट में हार्ट काम करना बंद कर देता है. एक्सपर्ट ने बताया कि जो नार्मल हार्ट बीट 70 से 90 रहती है वो कार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में 300 से 400 पहुंच जाती है.
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कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर बहुत जरूरी
डॉ. अरोरा ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट होने पर सिर्फ कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन यानी सीपीआर के जरिए ही मरीज की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि यदि कार्डियक अरेस्ट होने पर 10 मिनट के अंदर सीपीआर नहीं शुरू किया गया तो मरीज को बचाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी है कि लोग सीपीआर के बारे में जानें. कार्डियक अरेस्ट से बचने का एक मात्र तरीका सीपीआर ही है.
ये हो सकते हैं कार्डियक अरेस्ट के कारण
जब हमने डॉ. अरोरा से कार्डियक अरेस्ट के कारण के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि आजकल की जीवनशैली में सेलिब्रेटी लोग अपने बॉडी को बनाने के लिए जिम में या फिर कहीं और कई तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं उससे भी हार्ट में काफी असर पहुंचता है. इसके साथ ही अनहेल्दी भोजन और हेल्थ की तरफ ध्यान न देना भी हार्ट संबंधी बीमारियों को तेजी से बढ़ा रहा है. कई बार यह समस्या इलेक्ट्रोडाइड इम्बैलेंस की वजह से भी हो सकता है.कई बार अलग अलग दवाओं के प्रयोग की वजह से भी यह होने की संभावना होती है.
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एक से अधिक बार हो सकता है कार्डियक अरेस्ट स्ट्रोक
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के कई बार कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. बहुत अधिकसंभावना है कि एक बार ठीक होने के बात कुछ ही घंटों या फिर कुछ ही दिनों में इसका स्ट्रोक पड़ सकता है. डॉ. अरोरो ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट के दौरान पेशेंट को डीसी शॉक के जरिए बचाने की कोशिश की जाती है.
ब्रेन डेड हो सकता है मनुष्य
डॉ. अरोरा ने बताया कि हमारा दिमाग हमारे शरीर का सबसे सेंसटिव ऑर्गन है. कार्डियक अरेस्ट से दिमाग की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है. हार्ट बीट 300 -400 बीट पर मिनट होने पर सबसे पहले ब्रेन को ब्लड सप्लाई बंद होती है. अगर 6 मिनट तक ब्रेन को ब्लड की सप्लाई नहीं हो तो मनुष्य ब्रेन डेड हो जाता है. इसलिए 6 मिनट के अंदर सीपीआर शुरू करना जरूरी है.
किसी भी उम्र में हो सकता है कार्डियक अरेस्ट
हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट की कोई निर्धारित उम्र नहीं है. उनके मुताबिक यह किसी को भी किसी उम्र में किसी भी समय पर हो सकती है. इसलिए सभी के लिए बहुत ही जरूरी है लोग समय समय पर अपना बॉडी चेकअप जरूर कराएं.
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Tags: Health, Heart attack, Heart Disease
FIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 07:30 IST