हाइलाइट्स
फाइब्रोमायल्जिया में हो सकता है तनाव व डिप्रेशन.
तनाव और दर्द को कम कर सकता है ग्रीन लाइट चश्मा.
फाइब्रोमायल्जिया एक पुरानी बीमारी है जो पूरे शरीर में दर्द, थकान और सोने में परेशानी का कारण बन सकती है. फाइब्रोमायल्जिया से पीडित लोगों को डिप्रेशन, सुसाइड की प्रवृत्ति,ऑस्टियोआर्थराइटिस, ल्यूपस, रुमेटीइड गठिया और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है. हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में हुए एक अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों को फाइब्रोमायल्जिया की समस्या है यदि वे कई घंटों के लिए विशेष ग्रीन-लाइट चश्मा पहनते हैं तो उनमें तनाव और डिप्रेशन का स्तर कम हो सकता है. अध्ययन में पाया गया है कि हरी रोशनी की कुछ तरंगे ब्रेन के मार्ग को उत्तेजित करती हैं जो दर्द को रोकने में मदद कर सकती हैं. क्या वाकई में ग्रीन-लाइट चश्मा तनाव जैसी समस्याओं को कम कर सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
ये भी पढ़ें: खांसी और गले की खराश में लाभकारी है अनानास का जूस, जानिए इस्तेमाल का तरीका
क्या है फाइब्रोमायल्जिया
फाइब्रोमायल्जिया में मांसपेशियों में दर्द, अकड़न और नींद से संबंधित समस्या हो सकती है. एवरीडे हेल्थ के अनुसार फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसा रोग है जो धीरे-धीरे बढ़ता है. शरीर और मांसपेशियों में दर्द के कारण व्यक्ति की सोचने और समझने की शक्ति भी कम हो सकती है. इसमें व्यक्ति के शरीर में दर्द, तनाव, मूड स्विंग्स और डिप्रेशन हो सकता है.
फाइब्रोमायल्जिया में ग्रीन लाइट चश्मा कैसे काम करता है
ग्रीन लाइट चश्मे को विशेष रूप से हरे प्रकाश स्पेक्ट्रम पर विशेष तरंग को फिल्टर करने के लिए डिजाइन किया जाता है. हरे रंग की रोशनी से आंखों को राहत मिलती है जिससे ब्रेन में मौजूद तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है. ब्रेन में तनाव कम होने से डिप्रेशन और शरीर की मांसपेशियों को आराम मिल सकता है. इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी तनाव और अनिद्रा की समस्या को कम किया जा सकता है.
फाइब्रोमायल्जिया के लक्षण
– शरीर में अधिक दर्द
– थकावट
– कमजोरी
– शांत रहना
– मांसपेशियों में सूजन
ये भी पढ़ें: लंबा जीने के लिए फेफड़ों का हेल्दी होना है जरूरी, इन 5 नेचुरल टिप्स से करें सफाई
फाइब्रोमायल्जिया होने पर व्यक्ति में तनाव और डिप्रेशन हो सकता है. इसे कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव किए जा सकते हैं. इसके अलावा किसी चिकित्सक से संपर्क करना न भूलें.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : November 19, 2022, 22:31 IST