कीमोथेरेपी कराने वालों के बच्चों, नाती-पोतों को भी कैंसर होने का खतरा, रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे


हाइलाइट्स

किशोरावस्था के दौरान आइफोस्फामाइड दवा लेने वाले नर चूहों के बच्चों और बच्चों के बच्चों में इस बीमारी की घटनाएं बढ़ गई
इन सबके बावजूद इस बात पर जोर दिया कि कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी लेने से परहेज नहीं करना चाहिए

Chemotherapy side effects: कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है लेकिन सच्चाई यह है कि आज लोगों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. समय रहते कैंसर का इलाज किया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. इसलिए कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी दी जाती है. कीमोथेरेपी की मदद से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है. लेकिन कीमोथेरेपी के कारण स्वस्थ्य कोशिकाओं को नुकसान भी पहुंचता है. अब एक नई स्टडी में कहा गया है कि कीमोथेरेपी कराने वाले मरीजों के बच्चे, नाती-पोतों में भी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. यानी अगर किसी को कैंसर है और उसने इलाज के लिए कीमोथेरेपी ली है तो उसके अपने बेटे-बेटियां और नाती-पोतों में कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है.

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पड़पोते को भी कैंसर का जोखिम
स्टडी के मुताबिक कीमोथेरैपी की एक सामान्य दवा किशोर कैंसर पीड़ितों के बच्चों और नाती-पोतों में बीमारी के खतरे को बढ़ा सकती है. चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. पत्रिका ‘आईसाइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि किशोरावस्था के दौरान आइफोस्फामाइड दवा लेने वाले नर चूहों के बच्चों और बच्चों के बच्चों में इस बीमारी की घटनाएं बढ़ गई. अध्ययन के लेखक वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के माइकल स्किनर ने कहा, ‘‘निष्कर्ष दिखाते हैं कि अगर कोई मरीज कीमोथेरेपी लेता है और बाद में उसके बच्चे होते हैं तो उनके पोते-नाती और यहां तक कि पड़पोते तक में उनके पूर्वजों के कारण बीमारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है.’’

शुक्राणु, अंडाणु को सुरक्षित कराने की जरूरत
हालांकि स्किनर ने इन सबके बावजूद इस बात पर जोर दिया कि कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी लेने से परहेज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह बहुत प्रभावी इलाज है. कीमोथेरेपी की दवाएं कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं को खत्म करती है तथा उन्हें फैलने से रोकती है लेकिन इसके प्रजनन तंत्र समेत पूरे शरीर पर कई नकारात्मक असर होते हैं. इस अध्ययन के निष्कर्षों को देखते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने बाद में बच्चों को जन्म देने की योजना बनाने वाले कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी से पहले अपने शुक्राणु या अंडाणु सुरक्षित कराने जैसी एहतियात बरतने की सलाह दी है. यानी अगर किसी किशोर को कैंसर हुआ है और वह कीमोथेरेपी लेने के बारे में सोच रहे हैं तो उन्हें पहले अपने स्पर्म या ओवम को स्टोरेज कराने के बारे में सोचना चाहिए. इससे आने वाली संतानों में कैंसर का जोखिम कम हो सकता है.

Tags: Cancer, Health, Health tips, Lifestyle



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