Artificial Sweeteners Effects: इस भागमभाग जिंदगी में लोग आजकल फिट रहने के लिए तरह तरह के उपाय अपनाते हैं. इन्ही तरीकों में शामिल है आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का प्रयोग करना है. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स वेट लॉस में अधिक मददगार होता है. कृत्रिम स्वीटनर्स कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. हालांकि इसके कई सारे नुकसान भी होते हैं जिनसे इनकार नहीं किया जा सकता.
पिछले कुछ समय में आर्टिफिशियल स्वीटनर का तेजी से इस्तेमाल बढ़ा है. हेल्थलाइन की खबर के अनुसार एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर कृत्रिम स्वीट का ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो यह डायबिटीज, कैंसर जैसी ताउम्र चलने वाली बीमारियों का कारण बन सकते हैं. आइए जानते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर के होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में…
क्या है आर्टिफिशियल स्वीटनर
आर्टिफिशियल स्वीटरन को कई तरह के खाद्य पदार्थ और केमिकल्स के साथ तैयार किया जाता है. ये कितने मीठे होते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी एक छोटी सी गोली एक चम्मच चीनी से अधिक मीठी होती है. इन्हें ऐसे तैयार किया जाता है जिससे हमारे शरीर में 0 कैलोरी हो.
कुछ लोग हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह के बिना ही इसका प्रयोग करने लगते हैं जिससे कई तरह की दिक्कतें हो सकती है. ऐसा जरूरी नहीं है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स सभी को समान तरह से ही लाभ पहुंचाएं इसलिए जरूरी है कि जब भी इसका इस्तेमाल करें तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स कैसे काम करते हैं
हमारी जीभ की सतह कई तरह की टेस्ट बड्स से ढकी होती है. सभी बड में स्वाद रिसेप्टर्स होते हैं जो अलग अलग स्वाद का पता लगाते हैं. यही स्वाद रिसेप्टर्स भोजन के अणुओ के संपर्क में आते हैं और फिर हमारे मस्तिष्क को संकेत भेजते हैं जिससे हमें भोजन का स्वाद पता चलता है.
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कैसे तैयार होता है कृत्रिम स्वीटनर
- शीतल पेय, पाउडर पेय मिश्रण और अन्य पेय पदार्थ
- पके हुए माल
- कैंडी
- पुडिंग
- डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
- जाम और जेली
- दुग्ध उत्पाद
कृत्रिम मिठास से शारीरिक बदलाव
वजन पर असर: अधिकांश लोग आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग वजन को कम करने और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए करते हैं. कृत्रिम मिठास में कैलोरी की मात्रा जीरो होती है. जबकि एक चम्मच चीनी में 16 कैलोरी मौजूद रहती है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
डायबिटीज: आर्टिफिशियल स्वीटनर में कार्बोहाइड्रेट नहीं होता. इसलिए यह ब्लड में शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता. यदि आपको मधुमेह है तो आप चीनी के विकल्प के तौर पर इसका चुनाव कर सकते हैं लेकिन इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर्स से सलाह जरूरी लेनी चाहिए.
कैंसर का खतरा: आर्टिफिशिलयल स्वीटनर्स को लेकर एक्सपर्ट के बीच काफी मतभेद हैं. कई स्वास्थ्य एक्सपर्ट का कहना है कि कई कृत्रिम स्वीट्स से कैंसर समेत कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती है. चूहों पर कृत्रिम स्वीटनर सैकेरिन का उपयोग किया जिसके रिजल्ट चूहों में मूत्राशय के कैंसर से संबंधित थे. लेकिन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार, इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है आर्टिफिशियल स्वीटनर से कैंसर होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर की सीमित मात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है.
हार्ट संबंधी समस्याएं: आर्टिफिशियल स्वीटनर से हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि जो लोग दिन में दो बार से अधिक इसका इस्तेमाल करते हैं उनमें हार्ट संबंधी और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है.
चक्कर आना और सिरदर्द की समस्या: सीमित मात्रा से अधिक आर्टिफिशियल स्वीटनर्स इस्तेमाल करने पर पेट और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है. एक्सपर्ट की मानें तो ज्यादा कृत्रिम स्वीट्स लेने से ब्लोटिंग, डायरिया और कब्ज की समस्या हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2022, 17:30 IST