एआईएफएफ ने पूर्व विंगर सुरजीत सेनगुप्ता के निधन पर दुख जताया



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने गुरुवार को कोलकाता में पूर्व भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विंगर सुरजीत सेनगुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

सेनगुप्ता (जिन्होंने 24 जुलाई 1974 को कुआलालंपुर में मडेर्का कप में थाईलैंड के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया था) ने 14 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस प्रक्रिया में एक गोल किया, जो 1978 के एशियाई खेलों में कुवैत के खिलाफ बनाया गया था।

इन वर्षों में उन्होंने 1974 में एशियाई खेलों में ब्लू टाइगर्स का प्रतिनिधित्व किया और 1974-1978 में मडेर्का कप, 1977 में सियोल में प्रेसिडेंट्स कप और यूएई और बहरीन (1979) के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मैत्री का प्रतिनिधित्व किया।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा, यह सुनकर दुख हुआ कि भारतीय फुटबॉल के इतिहास में सबसे कुशल विंगरों में से एक सुरजीत-दा नहीं रहे। भारतीय फुटबॉल के लिए उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारे साथ रहेगा और जो कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के महासचिव कुशाल दास ने कहा, सुरजीत सेनगुप्ता अपनी उपलब्धियों में हमेशा जीवित रहेंगे। वह एक बेहद चालाक विंगर थे, जो कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहे हैं। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

घरेलू स्तर पर सेनगुप्ता 1975, 1976, 1977 और 1978 में विजयी बंगाल संतोष ट्रॉफी टीम का हिस्सा थे और उन्होंने 26 गोल किए।

इसके अलावा, उन्होंने 1980 में मोहम्मडन स्पोटिर्ंग का भी प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने उनके लिए एक गोल किया। वह विजयी स्पोटिर्ंग टीम का हिस्सा थे जिसने उस सीजन में सिक्किम गोल्ड कप, डीसीएम ट्रॉफी और रोवर्स कप (संयुक्त विजेता) जीता था।

उन्हें 2018 में ईस्ट बंगाल क्लब लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

(आईएएनएस)



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