उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामला: अब माननीयों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका


हाइलाइट्स

उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाला फिर हाईकोर्ट पहुंचा.
बैकडोर भर्तियों का मामले में फिर याचिका दाखिल हुई.
देहरादून के अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर की.

देहरादून/नैनीताल. उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला फिर से हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार और विधानसभा को नोटिस जारी कर 8 हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. देहरादून के अभिनव थापर की जनहित याचिका में अब तक की गई सभी भर्तियों की जांच की मांग के साथ जिन लोगों ये भर्तियां की हैं, उस पर कार्रवाई की मांग की गई है. हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस मनोज कुमार तिवाड़ी की कोर्ट मे सुनने के बाद नोटिस जारी किया है.

बता दें कि देहरादून के अभिनव थापर ने याचिका दाखिल कर कहा है कि उत्तराखंड में बैकडोर भर्ती का मामला सामने आया है, जिसमें सिर्फ 2016 के बाद की भर्तियों को ही निरस्त किया गया है. जबकि; ये भर्ती घोटाला राज्य बनने के बाद से ही आज तक लगातार चला आ रहा है.

याचिका में अपने करीबियों को बैकडोर से भर्ती करने का आरोप लगाया है. याचिका में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करने की मांग है और सरकारी धन को रिकवर करने की भी याचिका में गुहार लगाई गई है.

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याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में सरकार के 2003 शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 का उल्लंघन जिसमें हर नागरिक को नौकरियों के समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमावलियों का उल्लंघन किया गया है.

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