इस नए मोतियाबिंद के बारे में सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान, केजरीवाल भी हैं उसी से पीड़ित !


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मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

Kejriwal has Political Cataract- BJP: अभी तक आपने आखों में होने वाले दो प्रकार के ही मोतियाबिंद के बारे में सुना रहा होगा। पहला सफेद मोतियाबिंद और दूसरा काला मोतियाबिंद…मगर अब एक नया मोतियाबिंद भी सामने आ गया है। इस मोतियाबिंद के बारे में जानकर और सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, क्योंकि अब से पहले इस नए मोतियाबिंद के बारे में न तो कभी सुना होगा और न ही कभी देखा होगा। भाजपा के अनुसार केजरीवाल को यही नये प्रकार का मोतियाबिंद हो गया है। आरोप है कि इसी वजह से केजरीवाल को सही और गलत भी दिखाई नहीं दे रहा है। इन नए मोतियाबिंद का क्या नाम है, आइए आपको बताते हैं।

भाजपा ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘‘राजनीतिक मोतियाबिंद’’ से पीड़ित हैं और अपनी सरकार में कथित आबकारी और कक्षाओं के निर्माण घोटालों के बावजूद खुद को ईमानदारी का प्रमाण पत्र दे रहे हैं। इस नये प्रकार के मोतियाबिंद को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। इस आरोप से आप पार्टी में हलचल मच गई है। वहीं दूसरे दल भी राजनीतिक मोतियाबिंद को लेकर चटखारे ले रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरा देश अब जानता है कि केजरीवाल एक ‘‘कट्टर बेईमान’’ हैं। आबकारी नीति मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के आरोपपत्र में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं होने पर केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह और आम आदमी पार्टी (आप) ‘कट्टर ईमानदार’ हैं। केजरीवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में भाजपा से सवाल किया कि क्या वह भी अपने किसी नेता के बारे में ऐसा कह सकती है।

भ्रष्टाचारियों को केजरीवाल दे रहे ईमानदारी का सर्टिफिकेट


भाटिया ने कहा, ‘‘केजरीवाल राजनीतिक मोतियाबिंद से पीड़ित हैं। कक्षाओं के निर्माण में घोटाला या आबकारी घोटाला या सत्येंद्र जैन का जेल में रहते हुए भी मंत्री पद पर बने रहना कोई बड़ी बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि जिन जांच एजेंसियों को कभी “पिंजरे में बंद तोते” के रूप में बताया जाता था, वे भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई का फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सात आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया, लेकिन प्राथमिकी में सिसोदिया का नाम नहीं है। भाटिया ने आरोप लगाया कि केजरीवाल केएसआई (केजरीवाल स्कैमस्टर्स इंस्टीट्यूट) का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे कि विभिन्न उत्पादों के गुणवत्ता प्रमाणन के लिए भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) है, और जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है उसे प्रमाण पत्र जारी करते हैं।

 

भाटिया ने कहा, ‘‘उन्होंने ‘आप’ सरकार में विभिन्न घोटालों पर किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर हमेशा ईमानदारी का प्रमाण पत्र लेकर आते हैं।’’ उन्होंने कहा कि केजरीवाल पहले जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते थे, लेकिन अब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ईमानदारी का दावा केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका नाम सीबीआई के आरोप पत्र में नहीं है।

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