आतंकवाद की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं, इसे मिटाना है तो सबको साथ आना होगा: गृह मंत्री अमित शाह – amit shah said terrorism to be defeated then international community has come together – News18 हिंदी


हाइलाइट्स

अमित शाह ने कहा- आतंकी पनाहगाहों में बेलगाम गतिविधियों पर रोक लगानी जरूरी है.
कुछ देश बार-बार आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का समर्थन करते हैं.

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि कोई भी देश अकेले आतंकवाद को नहीं हरा सकता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तेजी से जटिल और व्यापक होते इस खतरे से निपटने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करते रहना होगा. टेरर फंडिंग के खिलाफ आयोजित तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कुछ देश और उनकी एजेंसी ने आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति बना लिया है.

अमित शाह ने कहा, “इन आतंकी पनाहगाहों में बेलगाम गतिविधियों पर रोक लगानी जरूरी है. सभी देशों को अपने भू-राजनीतिक हितों से ऊपर उठना होगा.” उन्होंने कहा कि कुछ देश बार-बार आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का समर्थन करते हैं. गृह मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि आतंकवाद की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं होती, इसलिए सभी देशों को राजनीति से परे सोचते हुए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए.” उन्होंने आतंकवाद के इस “सीमारहित खतरे” को हराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में पारदर्शिता का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “हमारी पहली प्रतिबद्धता पारदर्शिता के साथ सहयोग की होनी चाहिए. सभी देशों, सभी संगठनों को बेहतर और अधिक प्रभावी तरीके से खुफिया जानकारी साझा करने में पूर्ण पारदर्शिता की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए.”

कट्टरता को बढ़ावा देने वाले संगठनों की हो पहचान

युवाओं में कट्टरता को बढ़ावा देने वाले एक संगठन के खिलाफ भारत की कार्रवाई का हवाला देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि हर देश को ऐसे संगठनों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद और आतंकवादी समूहों के खिलाफ, हर भौगोलिक क्षेत्र में, हर आभासी क्षेत्र में यह जंग लड़नी है. उन्होंने कहा, “भारत ने इस अनूठी पहल एनएमएफटी (नो मनी फॉर टेरर) को जारी रखने की आवश्यकता को महसूस किया है, ताकि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर निरंतर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया जा सके. स्थायी सचिवालय की स्थापना का समय आ गया है.” शाह ने कहा कि भारत में इसे स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है.

जनसहभागिता से बने निगरानी ढांचा
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए दृष्टिकोण पांच स्तंभों पर आधारित होना चाहिए, जिसके तहत सभी खुफिया और जांच एजेंसियों के बीच सहयोग, समन्वय और सहभागिता कायम करके व्यापक निगरानी ढांचा तैयार किया जाना चाहिए.

Tags: Amit shah, New Delhi news, Terror Funding



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