हाइलाइट्स
अचानक वजन बढ़ना मोटापा नहीं है बल्कि किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है
अचानक वजन बढ़ने पर थायरॉइड का सबसे पहले चैकअप करवाना चाहिए
पीसीओएस और तनाव की वजह से भी अचानक वेट गेन होने लगता है
Causes of Sudden Weight Gain-सब कुछ ठीक चल रहा हो, खानपान दिनचर्या और एक्सरसाइज भी लेकिन एकाएक वजन बढ़ने लगे तो चिंता होना स्वाभाविक है. वजन का धीरे धीरे बढ़ना मोटापा हो सकता है लेकिन अचानक बढ़ा वजन कई बीमारियों की वजह या संकेत हो सकता है. ऐसे दौर में जब हर कोई स्लिम और चुस्त रहना चाहता है, वजन बढ़ना यूं परेशानी का सबब है और अगर इसके पीछे कोई बड़ा कारण है तो इंसान घबरा उठता है और डॉक्टर के पास भागता है. अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है कि खान पान पर नियंत्रण रखने के बावजूद एकाएक वजन बढ़ा है तो आपको इसके कारणों का पता होना चाहिए ताकि समय पर इलाज करवाकर इस बढ़े वजन को कंट्रोल किया जा सके.
थायरॉइड की समस्या
मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक हमारी गर्दन में तितली के आकार की ग्लैंड थायरॉइड हार्मोन का निर्माण करती है जिससे हमारे मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाला हार्मोन भी सक्रिय रहता है और ऐसे में अगर ये ग्लैंड सही रूप से काम नहीं करती तो पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड का उत्पादन नहीं होता और हाइपोथायरायडिज्म नामक बीमारी हो जाती है जिसके चलते शरीर मेटाबॉलिज्म धीमा है और तेजी से वजन बढ़ने लगता है. इसलिए अगर एकाएक और तेजी से वजन बढ़ रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर सबसे पहले थायरॉइड चैक करवाना चाहिए.
स्ट्रेस, डिप्रेशन और नींद की कमी
डॉक्टर कहते हैं कि जरूरत से ज्यादा तनाव लेना और पर्याप्त नींद ना लेना भी एकाएक वजन बढ़ने का कारण बनते हैं. दरअसल ज्यादा तनाव लेने की स्थिति में शरीर में एड्रीनेलिन ग्लैंड प्रभावित होता है जिससे कोर्टिसोल हार्मोन का स्राव अधिक होने लगता है. इसकी सीधा असर वजन पर पड़ता है और वजन बढ़ने लगता है. अगर कोर्टिसोल हार्मोन बहुत ज्यादा समय तक स्राव होता रहे तो बॉडी में मेटाबॉलिज्मम कमजोर होता है जिससे मोटापा बढ़ता है. वहीं डिप्रेशन और एंग्जाइटी से जूझ रहे लोग जिन दवाओं का सेवन करते हैं, वो भी शरीर का वजन बढ़ाने का काम करती हैं, यानी एंटीडिप्रेशेंट दवाएं वजन बढ़ने का कारण हो सकती हैं.
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पीसीओएस (PCOS)
अचानक वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण पीसीओएस हो सकता है क्योंकि यह एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है. इसका सबसे बड़ा लक्षण वजन बढ़ना है. इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में से पुरुष हार्मोन ज्यादा स्राव होने लगते हैं जिससे ओव्यूलेशन का इनबैलेंस होने लगता है. इस बीमारी का असर महिलाओं की फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है क्योंकि ओवरी अंडे को रिलीज करने में सक्षम नहीं हो पाती है.
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FIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 15:11 IST